अक्टूबर 31, 2014 को एक प्रयोगात्मक वायुयान जांच उड़ान में टूटकर मोजावे मरुभूमि में दुर्घटनाग्रस्त हो गया l सहचालक मर गया जबकि चालक बच गया l दुर्घटना का कारण जांचकर्ता नहीं जान सके l एक अखबार ने दुर्घटना के विषय लिखा “प्रश्न शेष हैं l”

सम्पूर्ण जीवन हम संतोषजनक स्पष्टीकरण के बिना दुख अनुभव करेंगे l दूरगामी प्रभाव के साथ कुछ विनाशकारी होंगी, जबकि दुसरीं हमारे व्यक्तिगत् जीवनों और परिवारों को बदलनेवालीं व्यक्तिगत्, निजी त्रासदियाँ l हम जानना चाहेंगे क्यों, किन्तु हमें उत्तर से अधिक प्रश्न मिलेंगे l किन्तु “क्यों” से संघर्ष में परमेश्वर अपना अक्षय प्रेम देगा l

जब अय्यूब एक ही दिन सब कुछ खो दिया (अय्यूब 1:13-19), वह क्रोधित नैराश्य में जाकर अपने मित्रों के समस्त व्याख्याओं का विरोध किया l फिर भी उसे परमेश्वर के उत्तर की आशा थी l अंधकार में भी अय्यूब कह सका, “[परमेश्वर] जानता है कि मैं कैसी चाल चला हूँ; और जब वह मुझे ता लेगा तब मैं सोने के समान निकलूँगा” (23:10) l

ऑस्वाल्ड चैम्बर्स ने कहा, “एक दिन परमेश्वर का व्यक्तिगत् और सीधा स्पर्श प्राप्त होगा जब प्रत्येक आंसू और घबराहट, शोषण और दुःख, पीड़ा और दर्द, असत्य, और अन्याय का पूर्ण और पूरा अभिभूत करनेवाला उत्तर मिलेगा l”

आज, जीवन के अनसुलझे प्रश्नों का सामना करते हुए, हमें परमेश्वर के प्रेम और प्रतिज्ञाओं में सहायता और आशा मिल सकती है l