हार्वर्ड बिज़नेस स्कूल के प्रख्याता, थॉमस जे. डीलॉन्ग ने अपने विद्यार्थियों और सहयोगियों के बीच एक परेशान करनेवाला प्रवृति देखा है – एक सादृश्य जुनून l” पहले से कहीं अधिक … बिज़नेस प्रबंधक, वाल स्ट्रीट विश्लेषक, वकील, डॉक्टर्स, और दूरे व्यावसायिक परस्पर उपलब्धियों की तुलना करने की धुन में हैं l जब आप भीतरी मानदंड की अपेक्षा बाहरी पर सफलता को आधारित करते हैं, आप अपनी संतुष्टता और समर्पण को धूमिल करते हैं l

सादृश्य तुलना नयी बात नहीं है l बाइबिल परस्पर तुलना के खतरे से आगाह करती है l ऐसा करने से, हम घमण्डी होकर दूसरों को नीचा देखते हैं (लूका 18:9-14) l अथवा हम ईर्ष्यालु होकर उनकी तरह बनना चाहते हैं या चाहते हैं कि हमारे पास भी उनकी तरह सब कुछ हो (याकूब 4:1) l हम परमेश्वर की दी हुई वस्तुओं पर ध्यान नहीं देते l यीशु ने सावधान किया कि सादृश्य जुनून यह मानने से आता है कि परमेश्वर अन्यायी है और कि वह हमारी अपेक्षा दूसरों के प्रति अधिक उदार है (मत्ती 20:1-16) l

परमेश्वर के अनुग्रह से हम उसके द्वारा दिए गए जीवन पर ध्यान देकर सादृश्य जुनून पर जय प्राप्त कर सकते हैं l दैनिक आशीषों के लिए परमेश्वर को धन्यवाद देते हुए, हम अपनी सोच बदलकर गहराई से विश्वास करने लगते हैं कि परमेश्वर भला है l