विश्व के कुछ बड़े शहरों में प्रवेश करते समय, आपका सामना प्रसिद्ध फाटकों से होगा जैसे ब्रेंडेनबर्ग गेट (बर्लिन), जाफा गेट (यरूशलेम), और डाउनिंग स्ट्रीट के गेट (लन्दन) l चाहे ये फाटक बचाव अथवा उत्सव के उद्देश्य से थे, वे शहर के किसी क्षेत्र के बाहर या अन्दर होना दर्शाते हैं l कुछ खुले होते हैं; कुछ थोड़े लोगों को छोड़ सभी के लिए बंद होते हैं l

परमेश्वर की उपस्थिति में जाने के फाटक हमेशा खुले रहते हैं l भजन 100 का  परिचित गीत इस्राएलियों के लिए मंदिर के फाटक से परमेश्वर की उपस्थिति में प्रवेश करने का निमंत्रण है l उन्हें “जयजयकार” करने को और “जयजयकार के साथ उसके सम्मुख” आने को कहा जाता था (पद.1-2) l प्राचीन संसार में जयजयकार करना राजा का अभिवादन करने का यथोचित तरीका था l समस्त संसार को परमेश्वर के विषय आनंदपूर्वक गाना था! इस जयजयकार का कारण था कि परमेश्वर ने उनको उनकी पहचान दी थी (पद.3) l वे प्रशंसा और धन्यवाद के साथ फाटक में प्रवेश करते थे क्योंकि परमेश्वर की भलाई और उसकी करुणा और सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है (पद.4-5) l उस समय भी जब उन्होंने अपनी पहचान भूलकर उससे दूर चले गए, परमेश्वर विश्वासयोग्य रहकर उनको अपनी उपस्थिति में बुलाया l

परमेश्वर की उपस्थिति में जाने हेतु फाटक अभी भी खुले हैं, और आकर आराधना करने का नेवता दे रहे हैं l