डेजर्ट सॉलिटेयर  ऊटा में आर्चेस राष्ट्रीय उद्यान में एडवर्ड ऐबे का उद्यान रेंजर होकर गर्मी बिताने का व्यक्तिगत इतिहास है l केवल ऐबे के दक्षिण-पश्चिम अमरीका का स्पष्ट और जिवंत वर्णन पढ़ने हेतु, यह पुस्तक लायक है l

किन्तु ऐबे, अपने समस्त कला-कौशल में, एक नास्तिक था जिसने ख़ूबसूरती का केवल आनंद उठाया, किन्तु तह के नीचे कुछ नहीं देख सका l कितना दुखद! उसने सम्पूर्ण जीवन ख़ूबसूरती की प्रशंसा की और मुख्य बात से चूक गया l

अनेक प्राचीन लोग उत्पत्ति  की परिकल्पनाएँ दंत कथाओं, मिथ्या, और गीतों में  ढूढ़ते थे l किन्तु उत्पत्ति की इस्राएलियों की कहानी अद्वितीय थी : यह एक परमेश्वर के विषय बताती है जिसने ख़ूबसूरती को हमारे आनंद और बच्चों की सी ख़ुशी के लिए बनायी l परमेश्वर ने कायनात बनाकर उसे “अच्छा” कहा l (अच्छा  के लिए इब्रानी शब्द खूबसूरती भी है l) तब, अदन वाटिका को बनाकर, परमेश्वर प्रेम में हमको रचकर, अदन में रखकर हमसे कहा, “आनंद उठाओ!”

कुछ लोग अपने चारों ओर सृष्टिकर्ता के अच्छे उपहार की खूबसूरती का आनंद उठाते हैं, किन्तु “परमेश्वर के रूप में उसकी उपासना नहीं करते या उसको धन्यवाद नहीं देते हैं l” वे “परमेश्वर के योग्य बड़ाई [नहीं करते] परन्तु व्यर्थ विचार [करते हैं], यहाँ तक कि उन का निर्बुद्धि मन अँधेरा हो गया [है]” (रोमियों 1:21) l

दूसरे ख़ूबसूरती को देखकर, कहते हैं “परमेश्वर, धन्यवाद,” और उसकी ज्योति में कदम रखते हैं l