एक कहानी के अनुसार ईसा पूर्व 75 में एक अमीर रोमी युवक, जुलियस सीज़र समुद्री डकैतों द्वारा अगवा कर फिरौती हेतु बंधक बनाया गया l जब उन्होंने फिरौती में चाँदी के 20 तोड़े मांगे (आज लगभग 600,000 डॉलर), सीज़र हंसकर बोला शायद उनको नहीं पता वह कौन है l उसने उनसे फरौती की रकम को 50 तोड़े करने को कहा! क्यों? क्योंकि उसे भरोसा था उसका मूल्य 20 तोड़ों से अधिक है l

सीज़र के अपने अभिमानी मूल्य और हमारे ऊपर परमेश्वर द्वारा ठहराए हुए मूल्य के बीच कितना बड़ा अंतर है l हमारी कीमत पैसे से नहीं किन्तु हमारे एवज़ में परमेश्वर द्वारा किए हुए कार्य से आंकी जाती है l

हमें बचाने के लिए उसे क्या फिरौती देनी पड़ी? पिता ने हमें हमारे पापों से हमें बचाने के लिए क्रूस पर अपने एकलौते पुत्र की मृत्यु द्वारा कीमत चुकायी l “तुम्हारा निकम्मा चाल-चलन जो बापदादों से चला आता है, तुम्हारा छुटकारा चाँदी-सोने अर्थात् नाशवान वस्तुओं के द्वारा नहीं हुआ; पर निर्दोष और निष्कलंक मेमने, अर्थात् मसीह के बहुमूल्य लहू के द्वारा हुआ” (1 पतरस 1:18-19) l

परमेश्वर हमसे इतना प्रेम किया कि उसने हमारी फिरौती और छुटकारे के लिए अपने पुत्र को मरने और पुनरुत्थित होने दिया l उसके लिए आपकी कीमत इतनी बड़ी है l