सिंगापुर में एक मसीही प्रकाशन सम्मेलन के आखिरी दिन, 50 देशों के 280 भागिदार एक समूह तस्वीर के लिए होटल के बाहिरी मैदान में इकट्ठे हुए l दूसरी मंजिल के बालकनी से, फोटोग्राफर ने अलग-अलग कोण से अनेक तस्वीर खींचे इससे पूर्व कि वह कहता, “फोटो खिंच गयीं l”  भीड़ में से चैन की एक आवाज़ आयी, “अच्छा, खुश हों!” तुरंत, जवाब आया, “खुदावन्द आया है l” जल्द ही सभी क्रिसमस का परिचित गीत तारतम्य से गा रहे थे l मैं एकता और आनंद के इस मार्मिक प्रदर्शन को नहीं भूल सकता l

लूका के क्रिसमस की कहानी के वर्णन में, एक स्वर्गदूत ने चरवाहों को यीशु के जन्म की सूचना दी, “मत डरो; क्योंकि देखो, मैं तुम्हें बड़े आनंद का सुसमाचार सुनाता हूँ जो सब लोगों के लिए होगा, कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिए एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है” (लूका 2:10-11) l

आनंद कुछ लोगों के लिए नहीं किन्तु सब के लिए था l “क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नष्ट न हो, परन्तु अनंत जीवन पाए” (यूहन्ना 3:16) l

जब हम यीशु का जीवन-परिवर्तन करने वाला सन्देश दूसरों को बांटते हैं, हम विश्वव्यापी रूप से “उसकी धार्मिकता और उसके प्रेम का आश्चर्य” मिलकर बांटते हैं l

“खुश हो खुदावंद आया है!”