यूनानी दार्शनिक प्लेटो (c. 427-c. 348 ई.पु.) मानव हृदय के अँधेरे भाग पर ज्योति चमकाने का काल्पनिक तरीका खोज लिया था l उसने एक चरवाहे की कहानी बतायी जिसे अचानक भूमि की गहराई में दबी एक सोने की अंगूठी मिली l एक दिन भूकंप से पहाड़ के निकट एक कब्र खुल गई और अंगूठी चरवाहे को दिखाई दी l संयोग से उसे यह भी ज्ञात हुआ कि उस जादुई अंगूठी को पहननेवाला इच्छा से अदृश्य हो सकता था l अदृश्यता पर विचार करते हुए, प्लेटो ने एक प्रश्न किया : यदि लोग को पकड़े जाने और दंड पाने का भय नहीं होता, क्या वे गलत करने से परहेज करते?

यूहन्ना के सुसमाचार में यीशु इस विचार को एक भिन्न दिशा में ले जाता है l वहां पर, अच्छा चरवाहा, यीशु, ऐसे हृदयों की बात करता है जो अँधेरे की आड़ में अपने कार्यों को छिपाते हैं (यूहन्ना 3:19-20) l वह हमारे छिपाने की इच्छा पर हमारा ध्यान हमें दोषी ठहराने के लिए नहीं करता है, किन्तु उसके द्वारा उद्धार पाने के लिए (पद.17) l हृदयों का चरवाहा होकर, वह हमारे मानव स्वभाव के सबसे ख़राब हिस्से को भी प्रगट करके हमें बताता है कि परमेश्वर हमसे कितना अधिक प्रेम करता है (पद.16) l

परमेश्वर अपनी करुणा में हमें अंधकार से निकलकर ज्योति में उसका अनुसरण करने के लिए आमंत्रित करता है l