तीन सम्बन्धित फिल्मों के सेट द लार्ड ऑफ़ द रिंग्स की चर्चा में, एक किशोर ने कहा कि उसे उसकी कहानियाँ फिल्म की अपेक्षा पुस्तक के रूप में पसंद हैं l कारण पूछे जाने पर, उस युवक ने उत्तर दिया, “मैं अपना समय लेकर पुस्तक को पढ़ सकता हूँ l” एक पुस्तक को पढ़ते रहने के प्रभाव के विषय कुछ कहना होगा, विशेषकर बाइबिल, और उसमें की कहानियों में “ठहरे रहना l”

“विश्वास का अध्याय” इब्रानियों 11, उन्नीस लोगों के नाम बताता है l हर एक कठिनाई और शंका के मार्ग पर चला, फिर भी परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारी रहा l “ये सब विश्वास ही की दशा में मरे; और उन्होंने प्रतिज्ञा की हुई वस्तुएं नहीं पाईं, पर उन्हें दूर से देखकर आनन्दित हुए और मान लिया कि हम पृथ्वी पर परदेशी और बाहरी हैं” (पद.13) l

बाइबिल को पढ़ते हुए उसमें वर्णित लोगों और घटनाओं पर विचार किये बगैर पढ़ना कितना सरल है l हमारी खुद की बनाई हुई समय-सारणी हमें परमेश्वर की सच्चाई और हमारे जीवनों के लिए उसकी योजनाओं की गहराइयों में जाने से रोकती है l किन्तु, उसके वचन में ठहरे रहने से, हम खुद को हमारी ही तरह लोगों के वास्तविक जीवन घटनाओं में गिरफ्तार पाते हैं जिन्होंने परमेश्वर की विश्वासयोग्यता पर अपने जीवनों को आधारित किया l  

परमेश्वर के वचन को खोलकर यह याद करना अच्छा है कि हम देर तक उसमें ठहर सकते हैं l