मेरे पति अक्सर व्यापार यात्राओं पर रहते थे। हालाँकि वह फोन करते थे, तो भी कुछ कठिन रातें में हमारे नन्हें बेटे जेवियर को तसल्ली देने के लिए यह काफी नहीं होता था। जेवियर को जब पिता की ज़रूरत महसूस होती तो उसे दिलासा देने के लिए उसे मैं वो फोटो दिखाती जिसमें दोनों साथ हैं। ये यादें उसे प्रोत्साहित करतीं, और वह कहता कि, “मेरे पिता अच्छे हैं।”

उनकी अनुपस्थिति में जेवियर को उनके प्रेम की याद दिलाने की जरूरत को मैंने समझा।  अपने  कठिन समय या अकेलेपन में मुझे भी यह इस दिलासे की जरूरत होती है कि कोई मुझे प्रेम करता है खासतौर पर मेरा स्वर्गीय पिता।

रेगिस्तान में शत्रुओं से छिपता हुआ दाऊद परमेश्वर का अभिलाषी था (भजन संहिता 63:1)। परमेश्वर का असीम सामर्थ और प्रेम याद कर वह उनकी महिमा करने लगा (2-5), कठिन रातों में भी दाऊद अपने विश्वासयोग्य पिता की प्रेमपूर्ण परवाह (6-8) में आनन्दित था।

जब लगने लगे कि परमेश्वर हमारे साथ नहीं हैं, तो हम याद रखें कि परमेश्वर कौन हैं और उन्होंने अपने प्रेम का प्रदर्शन कैसे किया है। हमारे जीवन में उनकी भलाई को और पवित्रशास्त्र में वर्णित कार्यों को याद करें, और वह अनगिनत तरीकों में बताएँगे कि वह एक अच्छे अब्बा पिता हैं और हमसे प्रेम करते हैं।