जब मैं न्यू यॉर्क में नेशनल सेप्टेम्बर 11 मेमोरियल घूमने गया, मैंने जल्दी से दो कुण्डों/तालों (Twin Reflecting Pools) की तस्वीर खींच ली l इन दोनों कुण्डों के बीच, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर आक्रमण में मारे गए लगभग 3,000 लोगों के नाम ताम्बे की पट्टियों पर उकेरी हुई हैं l ध्यान से देखने पर मैंने एक नाम के ऊपर एक हाथ की तस्वीर भी देखी l अनेक लोग यहाँ आकर एक नाम को छूकर किसी को याद करते हैं जो उनका प्रिय था l

अक्सर परमेश्वर के लोगों के उससे दूर चले जाने के बावजूद भी, यशायाह नबी उनको उसके अचल प्रेम के विषय याद दिलाता है l प्रभु कहता है, “मत डर, क्योंकि मैंने तुझे छुड़ा लिया है; मैं ने तुझे नाम लेकर बुलाया है, तू मेरा ही है” (यशायाह 43:1) l

भजन 23 में दाऊद लिखता है, “चाहे मैं घोर अन्धकार से भरी हुई तराई में होकर चलूँ, तौभी हानि से न डरूँगा; क्योंकि तू मेरे साथ रहता है; . . . निश्चय भलाई और करुणा जीवन भर मेरे साथ साथ बनी रहेंगी; और मैं यहोवा के धाम में सर्वदा वास करूँगा” (पद.4 ,6) l

परमेश्वर हमें कभी नहीं भूलता है l चाहे हम कहीं भी हों या कैसी भी स्थिति में हों, वह हमारा नाम जानता है और अपने अचल प्रेम में थामे रहता है l