जब भी वह मेरे फोन का जवाब देने में असमर्थ होती थी, तो मेरी मित्र की वॉयसमेल रिकॉर्डिंग मुझे उसके लिए एक सन्देश छोड़ने के लिए कहती थी। वह रिकॉर्डिंग बहुत ही प्रसन्नता के साथ सन्देश को समाप्त करती थी, “आपका दिन अच्छा हो!” जब मैंने उसके शब्दों पर ध्यान दिया, तो मुझे अहसास हुआ कि हमारे दिन को अच्छा बनाने की सामर्थ हम में नहीं है-कुछ परिस्थितियाँ वास्तव में हानिकारक होती हैं। परन्तु ध्यान से देखना मेरे दिन में कुछ अच्छा और सुन्दर प्रकट कर सकता है, चाहे उसमें चीज़ें अच्छी हो रही हों या बुरी।

हब्बकूक सरल परिस्थितियों का सामना नहीं कर रहा था। एक नबी के रूप में परमेश्वर ने उसे आने वाले दिनों को दिखाया था जब कोई भी फसल या पशु-जिन पर परमेश्वर के लोग निर्भर थे-फलदायी नहीं होगा। (3:17) । आने वाली कठिनाइयों को सहन करने के लिए आशावादी होने से अधिक किसी और चीज़ की आवश्यकता होगी। एक समुदाय के रूप में इस्राएल बहुत अधिक गरीबी में होगा।  हब्बकूक कलेजा कम्पा देने, ओंठ थरथरा देने, खड़े-खड़े कम्पा देने वाले भय का अहसास कर रहा था। (पद 16) ।

तौभी हब्बकूक ने कहा कि वह “यहोवा के कारण आनन्दित और मगन” रहेगा (पद 18) । उसने परमेश्वर में अपनी आशा की घोषणा की, जो कठिन स्थानों में चलने के लिए सामर्थ प्रदान करता है (पद 19) ।

कईबार हम गहन पीड़ा और कठिनाई के समय से हो कर गुज़रते हैं। परन्तु इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम ने क्या खोया है या हम जो चाहते थे वह कभी नहीं पाया, हम ह्ब्बकूक के समान प्रेमी परमेश्वर के साथ हमारे सम्बन्ध में आनन्दित हो सकते हैं। तब भी जब हमें लगे कि हमारे पास कुछ भी शेष नहीं रहा है, वह हमें कभी भी नहीं छोड़ेगा और कभी नहीं त्यागेगा (इब्रानियों 13:5) । वह जो “उन लोगों को उपलब्ध करवाता है, जो विलाप करते हैं” वही हमारे आनन्द का अन्तिम कारण है (यशायाह 61:3)।