मेरी भांजी, उसकी चार साल की बेटी केलिन, और मैं ने शनिवार दोपहर का अद्भुत आनंद लिया l हमने बाहर बुलबुले बनाने, प्रिंसेस कलर बुक में रंग भरने, और पीनट मक्खन और जेली सैंडविच खाने का आनंद लिया l जब वे जाने के लिए कार में बैठ गए, कालीन ने खुली खिड़की से प्यार से बोली, “आंटी ऐन, मुझे मत भूलियेगा l” मैं जल्दी से कार की ओर बढ़कर धीरे से फुसफुसाई, “मैं तुम्हें कभी नहीं भूल सकती l मैं वादा करती हूँ कि मैं जल्द ही तुमसे मिलूंगी l”

प्रेरितों 1 में, शिष्य देख रहे थे जब यीशु “उनके देखते-देखते” आसमान में उठा लिया गया (पद.9) l मुझे आश्चर्य है कि उन्होंने सोचा होगा कि शायद उनका स्वामी उनको भूल जाएगा l परन्तु उसने अभी तुरंत प्रतिज्ञा की थी कि वह अपना पवित्र आत्मा भेजेगा जो उनके अन्दर निवास करेगा और आनेवाले सताव से पेश आने में उनको समर्थ बनाएगा (पद.8) l और उसने उनको समझाया था कि वह उनके लिए स्थान तैयार करने जा रहा है और वापस आकर उनको ले जाएगा कि वे उसके साथ रहें (यूहन्ना 14:3) l फिर भी वे सोचे होंगे कि उनको कितना समय इंतज़ार करना होगा l शायद वे कहना चाहते है, “यीशु, आप हमें भूलियेगा नहीं!”

हम जो यीशु में विश्वास किये हैं, वह पवित्र आत्मा के द्वारा हममें निवास करता है l इसके बाद भी हम सोचते हैं वह कब लौटेगा और हमें और अपनी सृष्टि को पूरी रीति से पुनः स्थापित करेगा l परन्तु यह अवश्य होगा – वह हमें भूलेगा नहीं l “इस कारण एक दूसरे को शांति दो और एक दूसरे की उन्नति का कारण बनो” ( 1 थिस्सलुनीकियों 5:10-11) l