फुफकारने वाला लावा(lava) का धीरे-धीरे फैलनेवाला शिकंजा जो उष्णकटिबंधीय(tropical) वनस्पतियों के किनारों का खात्मा कर रहा है को छोड़कर, सब कुछ शांत है l अधिकाँश दिनों में वे इसे “स्वर्ग” कहते हैं l इस दिन, हालाँकि, हवाई के पुना जिला में उग्र दरार/फटन ने सभी को याद दिलाया कि परमेश्वर ने इन द्वीपों को बेहद शक्तिशाली ज्वालामुखीय शक्ति से रचा है l

प्राचीन इस्राएलियों को एक अदम्य शक्ति का सामना करना पड़ा l राजा दाऊद द्वारा वाचा के संदूक को पुनः अपने कब्जे में कर लेने पर (2 शमूएल 6:1-4), एक उत्सव मनाया जाने लगा (पद.5) – जब तक कि अचानक एक व्यक्ति की मृत्यु न हो गयी जब उसने संदूक को पकड़कर स्थिर करने के लिए उसे पकड़ा (पद.6-7) l

यह हमें सोचने के लिए भरमा सकता है कि परमेश्वर ज्वालामुखी की तरह अप्रत्याशित है, जैसे संभवतः वह रचने के साथ-साथ नष्ट भी करनेवाला है l हालाँकि, यह याद रखने में मदद करता है कि परमेश्वर ने इस्राएल को ख़ास निर्देश दिया था कि उसकी उपासना में  निर्धारित वस्तुओं को कैसे संभालना है (देखें गिनती 4) l इस्राएल को परमेश्वर के निकट आने का सौभाग्य प्राप्त था, लेकिन लापरवाही से उसके निकट आने पर उसकी उपस्थिति उनके लिए अत्यधिक अभिभूत करनेवाली थी l

इब्रानियों 12 “आग से प्रज्वलित पहाड़” की याद दिलाता है, जहाँ परमेश्वर ने मूसा को दस आज्ञाएँ दी थीं l उस पहाड़ ने सभी को भयभीत कर दिया (पद.18-21) l परन्तु लेखक उस दृश्य को इसके विपरीत लाता है : “तुम . . .  नयी वाचा के मध्यस्थ यीशु . . . के पास आए हो” (पद.22-24) l यीशु – परमेश्वर का एकलौता बेटा – ने हमारे लिए अपरिचित लेकिन फिर भी प्रेमी पिता के निकट जाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया l