ज़ेवियर के पहले जॉब इन्टरव्यू की तैयारी में, मेरे पति, एलन ने हमारे बेटे को भावी नियोक्ताओं के साथ मुलाकात के बाद उनको भेजने के लिए उसे धन्यवाद कार्ड का एक पैकेट दिया l फिर उन्होंने किसी को नौकरी पर रखनेवाले साक्षात्कारकर्ता होने का नाटक किया, अपने दशकों के प्रबंधक के अनुभव का उपयोग करते हुए ज़ेवियर से सवाल पूछे l भूमिका निभाने के बाद, हमारे बेटे ने अपने संक्षिप्त विवरण(resume) की कई प्रतियाँ एक फोल्डर में रख लिया l वह मुस्कुराया जब एलन ने उसे कार्ड्स के विषय याद दिलाया l “मुझे मालूम है,” उसने कहा l एक ईमानदार धन्यवाद-नोट मुझे अन्य सभी आवेदकों से अलग कर देगा l”

जब प्रबंधक ने ज़विएर को नौकरी पर रखने के लिए बुलाया, उसने पहले हाथ से लिखे धन्यवाद-कार्ड के लिए आभार व्यक्त किया, जो उसने वर्षों बाद प्राप्त किया था l

धन्यवाद कहना एक स्थायी प्रभाव बनाता है l भजन संहिता की पुस्तक में भजनकारों की हार्दिक प्रार्थनाओं और कृतज्ञ उपासना को संरक्षित किया गया था l हालाँकि एक सौ पचास भजन हैं, ये दो पद कृतज्ञता के सन्देश को दर्शाते हैं : “हे यहोवा परमेश्वर, मैं अपने पूर्ण मन से तेरा धन्यवाद करूँगा; मैं तेरे सब आश्चर्यकर्मों का वर्णन करूँगा l मैं तेरे कारण आनंदित और प्रफुल्लित होऊंगा, हे परमप्रधान, मैं तेरे नाम का भजन गाऊँगा” (भजन 9:1-2) l

हम सभी परमेश्वर के अद्भुत कार्यों के लिए अपना आभार व्यक्त करना समाप्त नहीं कर पाएंगे l लेकिन हम अपनी प्रार्थनाओं के द्वारा ईमानदारी से धन्यवाद की शुरुआत कर सकते हैं, हम कृतज्ञ उपासना की जीवन शैली को विकसित कर सकते हैं, परमेश्वर की प्रशंसा करते हुए उसके द्वारा किये गए सभी कार्यों को स्वीकार करके और सब कुछ जो वह पूरी करने का वादा करता है l