जब वह मुझे मिला हम अपने परिवार के साथ दूसरे राज्य से घर लौट रहे थे l मैं अपने वाहन में इंधन भर रहा था जब मैंने एक गन्दा, भारी लिफाफा धरती पर पड़ा हुए देखा l मैं उसे गन्दी और जैसा वह था की अवस्था में लपक लिया और उसके अन्दर देखा l मैं आश्चर्यचकित हुआ, उसमें सौ डॉलर के अनेक नोट थे l

सौ डॉलर के अनेक नोट जिन्हें किसी ने खो दिए थे और उस क्षण संभवतः कौन उन्हें व्यग्रतापूर्वक ढूँढ रहा होगा l मैंने उस पेट्रोल पंप के परिचारकों को अपना फोन नंबर दे दिया कि शायद कोई उसे ढूंढता हुआ वहाँ आए l परन्तु कभी किसी ने फोन नहीं किया l

किसी के पास वो पैसे थे और उसने उन्हें खो दिये l पृथ्वी पर का धन अक्सर ऐसा ही होता है l वह खो सकता है, चोरी हो सकता है, या यहाँ तक कि व्यर्थ खर्च किया जा सकता है l यह खराब निवेश में या किसी मौद्रिक बाज़ार में भी खो सकता है, जिस पर हमारा नियंत्रण नहीं है l लेकिन हमारे पास यीशु में जो स्वर्गिक खजाना है अर्थात् परमेश्वर के साथ एक पुनर्स्थापित सम्बन्ध और अनंत जीवन की प्रतिज्ञा, उस प्रकार का नहीं है l हम उसे पेट्रोल पंप पर या कहीं और नहीं खो सकते हैं l  

यही कारण है कि मसीह ने हमें “स्वर्ग में धन” इकठ्ठा करने को कहा है (मत्ती 6:20) l हम ऐसा तब करते हैं जब हम “भले काम में धनी” (1 तीमुथियुस 6:18) या “विश्वास में धनी” (याकूब 2:5) बनते हैं – प्रेमपूर्वक दूसरों की मदद करके और उनके साथ यीशु को साझा करके l जैसे परमेश्वर हमारा मार्गदर्शन करता है और हमें सशक्त करता है, हम अनंत खज़ाने को भी संचित कर सकते हैं, जब हम अपने अनंत भविष्य की आशा करते हैं l