अपने बच्चों के साथ अकेले विमान में सवार होकर, एक युवा माँ अपने तीन साल की बेटी को शांत करने की कोशिश करने में लगी थी जो परेशान कर रही थी और रो रही थी l फिर उसका चार महीने का बेटा जो भूखा था ऊंची आवाज़ में रोने लगा l

उसके बगल में बैठे एक यात्री ने जल्दी से छोटे बच्चे को पकड़ने की पेशकश की, जबकि जेसिका ने अपनी बेटी को संभाला l तब यात्री ने अपने खुद के दिनों को एक युवा पिता के रूप में याद करते हुए – उस तीन साल की बेटी के साथ रंग भरना शुरू कर दिया, जबकि जेसिका ने अपने शिशु को दूध पिलाया l और अगली कनेक्टिंग फ्लाइट पर, उसी व्यक्ति ने ज़रूरत पड़ने पर फिर से सहायता करने की पेशकश की l

जेसिका ने याद किया, “मैं इस घटना में परमेश्वर की दया से चकित रह गयी l हमें किसी भी व्यक्ति के बगल में सीट दी जा सकती थी, लेकिन हमें एक सबसे अच्छे पुरुष के बगल में सीट मिली जिनसे मैं कभी मिली हो l”

2 शमूएल 9 में, हम एक और उदाहरण के बारे में पढ़ते हैं जिसे मैं सोचीसमझी दयालुता कहती हूँ l राजा शाऊल और उसके बेटे योनातान के मारे जाने के बाद, कुछ लोगों ने आशा की कि दाऊद सिंहासन के अपने दावे में किसी भी प्रतिद्वंदिता को कुचल देगा l इसके बजाय, उसने पूछा, “क्या शाऊल के घराने में से कोई अब तक बचा है, जिसको मैं परमेश्वर  की सी प्रीति दिखाऊँ?” (पद.3) l तब योनातान के पुत्र मपिबोशेत को दाऊद के पास लाया गया जिसने उसकी विरासत को बहाल किया और उसके बाद गर्मजोशी से उसे अपने खाने की मेज को साझा करने दिया – मानो वह उसका अपना पुत्र हो (पद.11) l

परमेश्वर की असीम दयालुता के लाभार्थियों के रूप में, हम दूसरों के प्रति जानबूझकर दया दिखाने के अवसरों की तलाश कर सकते हैं (गलातियों 6:10) l