Month: जनवरी 2020

जा रहा है, जा रहा है, गया

शरारती कलाकार बैंक्सी ने एक और व्यवहारिक मजाक उड़ाया l लन्दन में सोथबी के नीलामी घर में उनकी पेंटिंग गर्ल विथ बैलून(Girl with Baloon) एक मिलियन पौंड में बिकी l नीलामी करनेवाले के “बिक गया,” चिल्लाने के कुछ ही क्षणों बाद एक अलार्म बजा और वह पेंटिंग फ्रेम के नीचे से फिसलकर आधा लटक गया l बैंक्सी ने अपनी बर्बाद कृति पर हाँफते हुए बोली लगाने वालों की एक तस्वीर को कैप्शन के साथ ट्वीट किया, “गोइंग, गोइंग, गॉन l” 

बैंक्सी ने धनवान का भी मज़ाक बनाने में आनंद उठाया, लेकिन उसे परेशान होने की ज़रूरत नहीं थी l धनवान के पास खुद के लिए अनेक मजाक हैं l परमेश्वर कहता है, “धनी होने के लिए परिश्रम न करना . . . क्या तू अपनी दृष्टि उस वस्तु पर लगाएगा, जो है ही नहीं? वह उकाब पक्षी के समान पंख लगाकर, निःसंदेह आकाश की ओर उड़ जाता है” (पद.4-5) l 

कुछ वस्तुएं धन/पैसे से कम सुरक्षित हैं l हम उसे अर्जित करने के लिए बहुत परिश्रम करते हैं, फिर भी उसे खो देने के अनेक तरीके हैं l निवेश गलत हो जाता है, मुद्रास्फीति में गिरावट आ जाती है, बिल आते हैं, चोर चोरी करते हैं, और आग और बाढ़ नष्ट करते हैं l यहाँ तक कि अगर हम अपना पैसा रख भी लेते हैं, तो भी समय जिसमें हमें इस खर्च करना है लगातार समाप्त होता जाता है l पलक झपकाएं, और आपका जीवन जा रहा है, जा रहा है, गया l 

क्या करें? बाद में परमेश्वर हमें कुछ पद बताता है : “यहोवा का भय मानते रहना l क्योंकि अंत में फल होगा, और तेरी आशा न टूटेगी” (पद.17-18) l यीशु में अपना जीवन निवेश करें; वह अकेले आपको हमेशा के लिए रखेगा l 

कमजोर को बलवन्त देना

जब मैं छोटी लड़की थी, मैंने “उसने मेरी गलती के परे देखा और मेरी ज़रूरत को देखा(He Looked Beyond My Fault and Saw My Need)” गीत सुनी l यह गीत 1967 में अमेरिकी गायिका डॉटी रेम्बो द्वारा लिखी गयी थी l  मैंने इस गीत का गहरा अर्थ तब तक नहीं समझ पायी थी जब तक मैंने जाना नहीं कि डॉटी ने अपने भाई एडी के विशवास के उत्तर में कि वह गलत चीजों के करने के कारण अप्रीतिकर था, परमेश्वर के शर्तहीन प्रेम के बारे में गीत लिखा था l गायिका ने उसे आश्वास्त किया कि परमेश्वर ने उसकी कमजोरी देखी है, लेकिन वह फिर भी उससे प्रेम करता था l 

इस्राएल और यहूदा के लोगों के कई कमजोर क्षणों में परमेश्वर का बिना शर्त प्यार स्पष्ट है l उसने यशायाह जैसे नबियों को अपने निरंकुश लोगों के लिए संदेशों के साथ भेजा l यशायाह 35 में, नबी परमेश्वर की नवीनीकरण की आशा साझा करता है l प्रोत्साहन जो आशा को गले लगाने के परिणामस्वरूप आएगा “ढीले हाथों को दृढ़ करो और थरथराते हुए घुटनों को स्थिर करो” (पद.3) l उन्हें मिले प्रोत्साहन के माध्यम से, परमेश्वर के लोग दूसरों को प्रोत्साहित करने के योग्य होंगे l यही कारण है कि यशायाह ने पद.4 में निर्देश दिया है, “हियाव बांधो, और मत डरो l”

कमजोर महसूस कर रहे हैं? अपने स्वर्गिक पिता से बातें करें l वह पवित्रशास्त्र की सच्चाई और अपनी उपस्थिति की सामर्थ्य से कमजोर को बल देता है l तब आप दूसरों को प्रोत्साहित कर सकेंगे l 

भरपूर जीवन

वर्ष 1918 था, प्रथम विश्व युद्ध के अंत के करीब, और फोटोग्राफर एरिक एनस्ट्रोम अपने काम का एक पोर्टफोलियो(सूची) बना रहे थे l वह एक तस्वीर को शामिल करना चाहते थे जिसने एक ऐसे समय में परिपूर्णता की भावना का संचार किया जो बहुत सारे लोगों को काफी खाली महसूस हुआ l अपनी अब तक की बहुप्रतीक्षित तस्वीर में, एक दाढ़ी वाला वृद्ध व्यक्ति एक मेज पर बैठा है, जिसका सर झुका हुआ है और उसके हाथ प्रार्थना में लगे हुए हैं l उसके सामने केवल एक किताब, चश्मा, एक कटोरी दलिया, एक ब्रेड और एक चाक़ू है l अधिक कुछ नहीं, लेकिन कुछ भी कम नहीं l

कुछ लोग कह सकते हैं कि तस्वीर अभाव प्रगट कर रही है l लेकिन एनस्ट्रोम की बात इसके विपरीत थी : यहाँ एक पूर्ण जीवन है, आभार में जीया गया जीवन, एक जीवन जिसे आप और मैं हमारी परिस्थितियों की परवाह किये बिना अनुभव कर सकते हैं l यीशु युहन्ना 10 में शुभसंदेश की घोषणा करता है : “बहुतायत का जीवन” (पद.10) l हम ऐसे शुभसंदेश को गंभीर क्षति पहुंचाते हैं, जब हम भरपूरी को कई चीजों के साथ जोड़ते हैं l जिस परिपूर्णता की बात यीशु करता है, वह सांसारिक श्रेणियों जैसे कि धन, या अचल संपत्ति में मापा नहीं जाता है, बल्कि एक दिल, मस्तिष्क, आत्मा, और कृतज्ञता में ताकत है कि अच्छा चरवाहा “भेड़ों के लिए अपना प्राण देता है” (पद.11), और हमारी और हमारी दैनिक ज़रूरतों की चिंता करता है l यह एक भरपूर जीवन है – परमेश्वर के साथ आनंददायक सम्बन्ध – जो हम में से हर एक के लिए संभव है l 

मिट्टी का पुराना बरतन

मैंने वर्षों में कई पुराने मिट्टी के बरतन प्राप्त किये हैं l मेरा पसंदीदा बर्तन अब्राहम के समय के एक जगह से खुदाई में निकला था l यह मेरे घर की कम से कम एक वस्तु है जिसकी उम्र मुझसे अधिक है! देखने के लिए इसमें ज्यादा कुछ नहीं है : दाग लगा हुआ, फूटा हुआ, खंडित, और जिसे साफ़ करने की ज़रूरत है l मैं इसे याद दिलाने के लिए रखता हूँ कि मैं मिट्टी से बना केवल एक मनुष्य हूँ l हालाँकि नाजुक और कमजोर, मेरे अन्दर  एक अनमोल कीमती खजाना है – यीशु l हमारे पास यह खजाना [यीशु] मिट्टी के बरतनों में रखा है” (2 कुरिन्थियों 4:7) l 

पौलुस जारी रखता है : “हम चारों ओर से क्लेश तो भोगते हैं, पर संकट में नहीं पड़ते; निरुपाय तो हैं, पर निराश नहीं होते; सताए तो जाते हैं, पर त्यागे नहीं जाते; गिराए तो जाते हैं, पर नष्ट नहीं होते” (पद.8-9) l चारों ओर से क्लेश भोगना, निरुपाय होना, सताया जाना, गिराया जाना l ये वे दबाव हैं जिन्हें उस बरतन को बर्दाश्त करना है l संकट में नहीं पड़ते, निराशा नहीं होते, त्यागा नहीं जाते, नष्ट न होते l ये हम में यीशु की प्रतिकार शक्ति के प्रभाव हैं l 

“हम यीशु की मृत्यु को अपनी देह में हर समय लिए फिरते हैं” (पद.10) l यह वह आचरण है जो यीशु की विशेषता है जो हर दिन खुद के प्रति मर गया l और यह वह दृष्टिकोण है जो हमारी पहचान बन सकती है – जो हम में रहता है उसकी पूरी क्षमता पर भरोसा करते हुए, आत्म-प्रयास के प्रति मरने की इच्छा l 

“कि यीशु का जीवन भी हमारी देह में प्रगट हो” (पद.10) l यही परिणाम है : एक पुराने मिट्टी के बर्तन में दिखाई देने वाली यीशु की सुन्दरता l