शायद आपने इटली में पीसा की झुकी मीनार के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आपने सैन फ्रैंसिस्को की झुकी हुयी मीनार के विषय सुना है? इसे मिलेनियम टावर कहा जाता है l 2008 में निर्मित, यह अट्ठाईस मंजिला गगनचुम्बी इमारत गर्व से खड़ी है  – लेकिन थोड़ी टेढ़ी-मेढ़ी – सैन फ्रैंसिस्को शहर के केंद्र में l 

समस्या? इसके इंजिनियरों ने नींव को प्रयाप्त गहरी नहीं खोदी l इसलिए अब उसकी मरम्मत के साथ नींव को पुनः बनाने के लिए मजबूर किया जा रहा है जिसकी लागत पूरे टावर से अधिक हो सकती है जब इसे पहले बनाया गया था – मरम्मत जिसे कुछ लोग आवश्यक मानते हैं कि भूकंप के दौरान जो इसे गिरने से रोक सकता है l 

यहाँ पर पीड़ादायक सबक? नींवें मायने रखती हैं l जब आपकी नींव ठोस नहीं होती है, तो तबाही मच सकती है l यीशु ने अपने पहाड़ी उपदेश के अंत में कुछ ऐसा ही सिखाया l मत्ती 7:24-27 में, उसने दो बिल्डरों की तुलना की, एक जिसने चट्टान पर बनाया, और दूसरा जिसने बालू पर l जब अपरिहार्य रूप से एक तूफ़ान आया, तो केवल एक ठोस नींव वाला घर ही खड़ा रह गया था l 

हमारे लिए इसका क्या अर्थ है? यीशु स्पष्ट रूप से कहता है कि हमारा जीवन आज्ञाकारिता और उस पर विश्वास के द्वारा बनाया जाना चाहिए (पद.24) l  जब हम उसमें विश्राम करते हैं, हमारा जीवन परमेश्वर की सामर्थ्य और अनंत अनुग्रह से ठोस आधार प्राप्त कर सकता है l 

मसीह ने हमसे वादा नहीं किया है कि हम कभी भी तूफानों का सामना नहीं करेंगे l लेकिन वह अवश्य कहता है कि जब वह हमारी चट्टान है, तो तूफ़ान कभी भी हमारे विश्वास को बहा नहीं ले जा सकते हैं – उसमें मजबूत नींव l