उत्तरी थाईलैंड में, बच्चों के फुटबॉल टीम ने एक गुफा का पता लगाने का फैसला किया l एक घंटे के बाद वे वापस जाने के लिए मुड़े तो पाया कि गुफा के द्वार पर पानी भर गया था l बढ़ते पानी ने उन्हें गुफा में दिन-ब-दिन और अन्दर धकेल दिया, जब तक कि वे दो मील (चार किलोमीटर) से अधिक गुफा के अन्दर फंस नहीं गए l जब उन्हें दो सप्ताह बाद वीरतापूर्वक बचाया गया, तो बहुतों को आश्चर्य हुआ कि वे इनती बुरी तरह से कैसे फंस गए l उत्तर : एक समय में एक कदम l 

इस्राएल में, नातान ने दाऊद का सामना अपने वफादार सिपाही, उरिय्याह को मारने के लिए किया l “[परमेश्वर के] मन के अनुसार” व्यक्ति किस प्रकार दोषी बना? एक समय में एक कदम l एक दोपहर में दाऊद शून्य से हत्या तक नहीं गया l उसने खुद को तैयार किया,  समय के साथ, एक बुरा निर्णय दूसरे को जन्म दिया l इसकी शुरुआत एक दूसरी झलक से हुई जो वासना के टकटकी में बदल गयी l उसने बतशेबा को बुलवाकर अपने राजसी शक्ति का दुरूपयोग किया, फिर उसके गर्भवती होने को ढांकने के लिए उसके पति को मोर्चे से घर बुलवाया l जब उरिय्याह अपने साथियों को युद्ध में छोड़कर अपनी पत्नी से मिलने से इनकार किया, दाऊद ने फैसला किया कि उसे मरना होगा l 

हम शायद हत्या के दोषी नहीं हो सकते हैं या अपनी खुद की बनायी हुयी गुफा में फंसे हुए नहीं हैं, लेकिन हम या तो यीशु की ओर बढ़ रहे हैं या मुसीबत की ओर l बड़ी समस्याएँ रातोंरात विकसित नहीं होती हैं l वे हमपर धीरे-धीरे टूटते हैं, एक समय में एक कदम l