एक स्पष्टवादी नास्तिक का मानना है कि माता-पिता के लिए अपने बच्चों को धर्म सिखाना अनैतिक है मानों यह वास्तव में सच है l वह यहाँ तक दावा करता है कि माता-पिता जो अपने बच्चों में अपना विश्वास डाल देते हैं, बाल शोषण कर रहे हैं l यद्यपि ये विचार अति  हैं, मैं उन माता-पिता से सुनता हूँ जो अपने बच्चों को विश्वास की ओर निधड़क प्रोत्साहित करने में संकोच करते हैं l जबकि हम में से अधिकाँश लोग अपने बच्चों को राजनीति या पोषण या खेल के बारे में हमारे दृष्टिकोण से प्रभावित करने की उम्मीद करते हैं, किसी कारण से हममें से कुछ लोग परमेश्वर के बारे में अपने विश्वास को अलग तरह से मानते हैं l 

इसके विपरीत, पौलुस ने लिखा कि कैसे तीमुथियुस को “बचपन से पवित्रशास्त्र” सिखाया  गया था, “जो तुझे मसीह पर विश्वास करने से उद्धार प्राप्त करने के लिए बुद्धिमान बना सकता है” (2 तीमुथियुस 3:15) l तीमुथियुस वयस्क के रूप में विश्वास में अपने स्वयं की शक्ति से, बिना सहायता कारण से नहीं आया l इसके बजाय, उसकी माँ ने उसका दिल परमेश्वर की ओर किया; फिर उसने जो सीखा था, उसे जारी रखा (पद.14) l यदि परमेश्वर जीवन है, सच्चा ज्ञान का श्रोत है, तो हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने परिवारों में परमेश्वर के लिए प्रेम विकसित करें l  

कई विश्वास प्रणालियाँ हैं जो हमारे बच्चों को प्रभावित कर रही हैं l टीवी शो, फ़िल्में, संगीत, शिक्षक, दोस्त, मीडिया – इनमें से प्रत्येक विश्वास के विषय धारणाएँ (या तो स्पष्ट या रडार-radar के नीचे) लेकर चलती हैं जो वास्तविक प्रभाव डालती हैं l हम शांत रहने का चुनाव न करें l खूबसूरती और अनुग्रह जो हमने अनुभव किया है हमारे बच्चों को परमेश्वर की ओर मार्गदर्शित करने में हमें विवश करते हैं l