तैंतीस वर्ष की उम्र में, सोनिया आखिर काम के रूप में अपने व्यवसाय और अपने देश को छोड़कर शरणार्थियों के एक समूह में शामिल होना चाहती थी जो एक नये देश की ओर जा  रहे थे l गिरोहों द्वारा उसके भतीजे की हत्या के बाद और उसके सत्रह वर्ष के बेटे को अपने जत्थे में जुड़ने के लिए विवश करने पर, सोनिया ने महसूस किया कि भागना ही उसका एकमात्र विकल्प था l सोनिया ने समझाया, “मैं परमेश्वर से प्रार्थना करती हूँ . . .  मैं वह सब करुँगी जो ज़रूरी है l मैं कुछ भी करूंगी जिससे [मेरा बेटा और मैं] भूख से न मर जाऊँ . . . एक बैग या नहर में उसका अंत देखने की बजाए मुझे यहाँ पर उसे पीड़ित देखना पसंद है l”

क्या बाइबल के पास सोनिया और उसके बेटे से कुछ कहने के लिए है – या इतने सारे लोगों से जिन्होंने अन्याय और तबाही सही है? जब यूहन्ना बप्तिस्मा देनेवाला यीशु के आगमन की घोषणा की, तो उसने सोनिया को, हमें, और संसार को अच्छी खबर सुनाई l “प्रभु का मार्ग तैयार करो,” यूहन्ना ने घोषणा की (लूका 3:4) l उसने जोर देकर कहा कि जब यीशु आएगा, परमेश्वर एक शक्तिशाली, व्यापक बचाव पूरा करेगा l बचाव के लिए बाइबल का शब्द उद्धार/छुटकारा(salvation) है l 

उद्धार हमारे पापी हृदयों की चंगाई और – एक दिन – दुनिया की सभी बुराइयों की चंगाई को शामिल करता है l परमेश्वर का रूपांतरण कार्य हर एक जीवनी, हर मानव प्रणाली के लिए है, और सभी के लिए उपलब्ध है l यूहन्ना ने कहा, “हर प्राणी परमेश्वर के उद्धार को देखेगा” (पद.6) l 

हम जिस भी बुराई का सामना करते हैं, मसीह का क्रूस और पुनरुत्थान हमें निश्चित करते हैं कि हम परमेश्वर का उद्धार देखेंगे l एक दिन हम उसके निर्णायक छुटकारा का अनुभव करेंगे l