डेविड ने उन युवकों का पीछा किया जो उसके निर्बल मित्र की बाइक चुरा रहे थे l उसके पास कोई योजना नहीं थी l वह केवल जानता था कि उसे वह बाइक वापस लाना ही है l वह चकित हुआ, तीनों चोर उसकी ओर देखे, बाइक छोड़ दिए, और वापस चले गए l डेविड को राहत राहत मिली और वह खुद से प्रभावित हुआ जब उसने बाइक उठाया और वापस मुड़ा l उसी समय उसने अपने मजबूत मित्र, संतोष को देखा, जो उसके निकट पीछे चल रहा था l 

एलिशा घबरा गया जब उसने अपने शहर को एक दुश्मन सेना से घिरा हुआ देखा l वह एलिशा के पास भागा, “अरे नहीं, स्वामी! हमें क्या करना चाहिए?” एलिशा ने उसे शांत रहने को कहा l “जो हमारी ओर हैं, वह उन से अधिक हैं, जो उनकी ओर हैं l” तब परमेश्वर ने उसके सेवक की आँखें खोल दीं और उसने “एलिशा के चारों ओर का पहाड़ अग्निमय घोड़ों और रथों से भरा हुआ” देखा (पद. 15-17) l 

यदि आप यीशु के पीछे चलने का यत्न करेंगे, तो आप अपने आप को कुछ खतरनाक स्थिति में पाएंगे l आप अपनी प्रतिष्ठा को जोखिम में डाल सकते हैं, और शायद अपनी सुरक्षा को भी, क्योंकि आपने सही करने का दृढ़ निश्चय किया है l आप यह सोचकर नींद खो सकते हैं कि इसका परिणाम क्या होगा l याद रखें, आप अकेले नहीं हैं l आपके सामने चुनौती से अधिक मजबूत या होशियार होने की ज़रूरत नहीं है l यीशु आपके साथ है, और उसकी शक्ति सभी विरोधियों से अधिक है l अपने आप से पौलुस के सवाल पूछें, “यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है? (रोमियों 8:31) l वाकई, कौन? कोई नहीं l परमेश्वर के साथ अपनी चुनौती की ओर दौड़ें l