Month: जून 2020

एक अद्वितीय कार्य प्रस्ताव

“शमौन पतरस ने उनसे कहा, “मैं मछली पकड़ने जा रहा हूँ l” उन्होंने उससे कहा, “हम भी तेरे साथ चलते…

परिवर्तन के मौसम

कुछ महीने पहले जीवन पूरी तरह से सामान्य था l लोग ट्रैफिक को पार करते हुए काम करने भाग रहे…

प्रवासी यीशु

प्रवासी यीशु

लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं, पर मनुष्य के पुत्र को सिर धरने की…

नयी आशा का चुनाव

नयी आशा का चुनाव

... मैंने जीवन और मरण, आशीष और शाप को तुम्हारे आगे रखा है; इसलिए तू जीवन ही…

जीवन की तेज़ धाराओं को पार करना

“बायीं ओर के सभी लोग, मजबूती से तीन बार आगे की ओर पतवार चलाएँ!” हम लोगों का  मांझी गाइड चिल्लाया l बायीं ओर वालों ने ताकत लगायी, और हमारे बेड़े को उस अशांत भँवर से खींच लिया l कई घंटों तक, हमने अपने गाइड के निर्देशों को सुनने का महत्व सीखा था l उसकी स्थिर आवाज़ ने बहुत कम नौका चलाने के अनुभव वाले छह लोगों को एक प्रचंड नदी में साथ मिलकर सबसे सुरक्षित जल मार्ग बनाने में कामयाबी दी l

जीवन का अपना मुसीबतों का भी हिस्सा है, क्या यह नहीं है? एक पल, यह सहज नौकायन है l फिर सहसा, हम अचानक खतरों से बचने के लिए पागल की तरह पैर मार रहे होते हैं l वह तनावपूर्ण क्षण हमें एक कुशल मार्गदर्शक के लिए हमारी ज़रूरत के बारे में जागरूक बनाते हैं, एक विश्वसनीय आवाज़ जो हमें अशांत समयों को पार करने मदद करती है l

भजन 32 में, परमेश्वर वह आवाज़ बनने की प्रतिज्ञा करता है : “मैं तुझे बुद्धि दूंगा, और जिस मार्ग में तुझे चलना होगा उस में तेरी अगुवाई करूँगा” (पद.8) l इससे पहले, हम देखते हैं कि अपने पापों को मान लेना (पद.5) और प्रार्थनापूर्वक उसे ढूँढना (पद.6) उसकी सुनने की भी भूमिका निभाते हैं l फिर भी, मैं इस वास्तविकता में आराम पाता हूँ कि परमेश्वर प्रतिज्ञा करता है, “मैं तुझ पर कृपादृष्टि रखूँगा और सम्मत्ति दिया करूँगा”(पद.8), एक ताकीद कि उसका मार्गदर्शन उस प्रेम के कारण है l इस अध्याय के अंत के निकट, भजनकार इस तरह समाप्त करता है, “जो यहोवा पर भरोसा रखता है वह करुणा से घिरा रहेगा” (पद.10) l और जब हम उस पर भरोसा करते हैं, हम उसके इस प्रतिज्ञा में आराम पाते हैं कि वह जीवन के सबसे चट्टानी पथों में हमारा मार्गदर्शन करेगा l  

केवल पूछ लीजिये

उसके डॉक्टर ने कहा कि उसके अलग-थलग दृष्टि पटल(retina) को ठीक नहीं किया जा सकता था l लेकिन पंद्रह साल तक बिना दृष्टि के रहने के बाद, ब्रेल लिपि को सीखते हुए, और एक छड़ी और सेवा कुत्ते(Service dog) का उपयोग करते हुए – महिला का जीवन तब बदल गया जब उसके पति ने एक दूसरे नेत्र चिकित्सक से एक सरल प्रश्न पुछा : क्या उसकी मदद की जा सकती है? जवाब था हाँ l जैसे कि डॉक्टर ने पता लगाया, महिला की आँख में एक सामान्य स्थिति थी, मोतियाबिंद, जिसे डॉक्टर ने उसके दाहिनी आँख से हटा दिया l जब अगले दिन उसके आँख की पट्टी हटा दी गयी, उसकी दृष्टि 20/20 थी l उसकी बायीं आँख की दूसरी सर्जरी समान सफलता के साथ हुई l

एक साधारण प्रश्न ने कुष्ठ रोग से ग्रसित एक शक्तिशाली सैन्य व्यक्ति नामान के जीवन को भी बदल दिया l लेकिन नामान ने नबी एलिशा का निर्देश “जाकर यर्दन में सात बार डुबकी मार, तब तेरा शरीर ज्यों का त्यों जो जाएगा”(2 राजा 5:10) पर अहंकारपूर्वक क्रोध किया l हालाँकि, नामान के सेवकों ने सैन्य नेता से एक सरल प्रश्न पूछा : “यदि भविष्यद्वक्ता तुझे कोई भारी काम करने की आज्ञा देता, तो क्या तू उसे नहीं करता? (पद.13) l उसके पीछे लगे रहने से, नामान ने डुबकी लगाई “और उसका शरीर छोटे लड़के का सा हो गया; और वह शुद्ध हो गया” (पद.14) l

हमारे जीवन में, कभी-कभी हम किसी समस्या से जूझते हैं क्योंकि हम परमेश्वर से नहीं पूछते हैं l क्या आप मदद करेंगे? क्या मुझे जाना चाहिये? क्या आप अगुवाई करेंगे? हमारी मदद करने के लिए हमें उससे जटिल प्रश्न पूछने की ज़रूरत नहीं है l “उनके पुकारने से पहले ही मैं उनको उत्तर दूंगा,” परमेश्वर ने अपने लोगों से प्रतिज्ञा की (यशायाह 65:24) l इसलिए आज, बस उससे पूछे l