सैम हर दिन दो बार अपना सेवानिवृत्ति खाता देखता है l उसने तीस साल तक बचत की, और एक बढ़ते शेयर बाजार के बढ़ने के साथ अंत में उसके पास रिटायर होने के लिए पर्याप्त है l जब तक स्टॉक डूबता नहीं है l इस डर से सैम को अपने बैलेंस(बाकी रकम) की चिंता रहती है l

यिर्मयाह ने इस बारे में चेतावनी दी : “हे यहूदा, जितने तेरे नगर हैं उतने ही तेरे देवता भी हैं; और यरूशलेम के निवासियों ने हर एक सड़क में उस लज्जापूर्ण बाल की वेदियाँ बनाकर उसके लिए धुप जलाया है” (11:13) l

यहूदा की मूर्तिपूजा उल्लेखनीय है l वे जानते थे कि प्रभु ही परमेश्वर था l वे किसी और की उपासना कैसे कर सकते थे? वे अपने होड़(bet) को सुरक्षित कर रहे थे l उन्हें भविष्य जीवन के लिए परमेश्वर की ज़रूरत थी, क्योंकि केवल सच्चा परमेश्वर ही उन्हें मृतकों में से जी उठा सकता था l लेकिन अब इसका क्या? गैर-यहूदी कथित ईश्वर स्वास्थ्य, धन और बहुतायत का वादा करते थे, इसलिए उनसे भी क्यों नहीं प्रार्थना की जाए, शायद?

क्या आप देख सकते हैं कि यहूदा की मूर्तिपूजा हमारी भी परीक्षा है? प्रतिभा, शिक्षा, और पैसा होना अच्छा है l लेकिन अगर हम सावधान नहीं होते हैं, तो हम अपना विश्वास उनके पास स्थानांतरित कर सकते हैं l हम जानते हैं कि हमारी मृत्यु के समय हमें परमेश्वर की आवश्यकता होगी, और हम उन्हें अभी हमें आशीष देने के लिए कहेंगे l लेकिन हम इन कमतर कथित ईश्वरों पर भी भरोसा करेंगे, शायद l

आपका भरोसा कहाँ है? बैक-अप(सहायक) भी तो मूर्तियाँ ही हैं l परमेश्वर के अनेक उपहारों के लिए धन्यवाद, और उसे बताएं कि आप उनमें से किसी पर भरोसा नहीं कर रहे हैं l आपका विश्वास सम्पूर्ण रूप से उस पर(परमेश्वर) है l