2012 में एक अमेरिकी संगीत समूह ने “बीट योर हार्ट टू बीट अगेन” गीत रिलीज किया l यह हार्ट सर्जन की सच्ची कहानी से प्रेरित था l एक मरीज के हृदय को ठीक करने के लिए निकालने के बाद, सर्जन ने उसे फिर से उसके सीने में रखकर उसमें जीवन लाने के लिए उसे धीरे से मालिश करना शुरू किया l लेकिन हृदय फिर से नहीं धड़क रहा था l अधिक गहन उपायों का पालन किया गया, लेकिन हृदय अभी भी धड़क नहीं रहा था l अंत में, सर्जन बेहोश रोगी के बगल में झुक गया और उससे बोला : “मिस जॉनसन, यह आपका सर्जन है l ऑपरेशन पूरी रीति से सफल हुआ है l आपका हृदय ठीक कर दिया गया है l अब आप अपने हृदय को फिर से धड़कने के लिए कहें l” उसका हृदय धड़कने लगा l

यह विचार कि हम अपने शारीरिक हृदय को कुछ करने के लिए कह सकते हैं, अजीब लग सकता है, लेकिन इसमें आध्यात्मिक समानताएं हैं l “हे मेरे प्राण, तू क्यों गिरा जाता है?” भजनकार खुद से कहता है l “परमेश्वर पर आशा लगाए रख” (भजन 42:5) “तू अपने विश्रामस्थान में लौट आ,” एक और भजन कहता है, “क्योंकि यहोवा ने तेरा उपकार किया है” (116:7) l इस्राएल के शत्रुओं को युद्ध में पराजित करने के बाद, न्यायी, दबोरा ने खुलासा किया कि उसने भी युद्ध के दौरान अपने हृदय से बात की थी l उसने उससे कहा था, “हे मन, हियाव बांधे आगे बढ़” (न्यायियों 5:21), क्योंकि प्रभु ने विजय की प्रतिज्ञा की थी (4:6-7) l

हमारे सक्षम सर्जन ने हमारे हृदय को ठीक किया है (भजन 103:3) l इसलिए जब डर, अवसाद, या निंदा आती है, तो शायद हमें भी अपनी आत्माओं को संबोधित करना चाहिये और कहना चाहिये : आगे बढ़ो! मजबूत बनो! कमजोर हृदय, फिर से धड़कना शुरू करो l