मेरे पति का भाई लगभग 2000 किलोमीटर दूर रहता है, वह हमेशा अपने परिवार का प्रिय सदस्य रहा है, उसके मज़ाक करने की असाधारण आदत और दयालु हृदय के कारण l जहाँ तक मैं याद रख सकता हूँ, हालाँकि, उसके भाई-बहनों ने अपनी माँ की आँखों में उसकी पसंदीदा स्थिति के बारे में नेकी से मज़ाक किया है l कई साल पहले, उन्होंने उसे इन शब्दों के साथ एक टी-शर्ट भी भेंट की थी, “मैं मॉम का फेवरिट(प्रिय) हूँ l” जबकि हम सभी ने अपने भाई-बहनों के भोलेपन का आनंद लिया, सच्चा पक्षपात/तरफदारी कोई मज़ाक का विषय नहीं है l

उत्पत्ति 37 में, हम याकूब के बारे में पढ़ते हैं, जिसने अपने बेटे यूसुफ को एक रंगबिरंगा अंगरखा दिया था – जो उसके अन्य बच्चों के लिए एक संकेत था कि युसूफ विशेष था (पद.3) l कुटिलता की झलक के बिना, अंगरखा का सन्देश चिल्लाया : “युसूफ मेरा पसंदीदा बेटा है l”

पक्षपात दिखाना एक परिवार में पंगु अशक्त कर देनेवाला हो सकता है l याकूब की माँ, रिबका ने, अपने बेटे एसाव की तुलना में उसको अधिक पसंद किया, जिससे दोनों भाइयों के बीच टकराव हुआ (25:28) l जब याकूब ने अपनी पत्नी लिआ के ऊपर अपनी पत्नी राहेल (युसूफ की माँ) की मदद की, तो कलह और गहन खिन्नता उत्पन्न हुई (29:30-31) l इसमें कोई शक नहीं कि यह नमूना युसूफ के भाइयों के लिए अपने छोटे भाई का तिरस्कार करने का अस्वास्थ्यकर आधार था, यहाँ तक कि उसकी हत्या की साजिश भी (37:18) l

जब हमारे संबंधों की बात आती है, तो हम इसे उद्देश्यपूर्ण होने के लिए कभी-कभी छली पाते हैं l लेकिन हमारा लक्ष्य सभी के साथ पक्षपात रहित व्यवहार करना और जीवन में हर व्यक्ति से प्रेम करना होना चाहिये जैसे हमारे पिता हमसे प्यार करते हैं (यूहन्ना 13:34) l