जब “पापा जॉन” नाम से पहचाने जाने वाले व्यक्ति को पता चला कि उसे जीवघातक कैंसर है, तो उसने और उसकी पत्नी, कैरल ने, महसूस किया कि परमेश्वर चाहता है कि वह और उसकी पत्नी अपनी जीवनघातक बिमारी को ऑनलाइन साझा करें l यह मानते हुए कि परमेश्वर उनकी दुर्बलता/भेद्यता के द्वारा सेवा करेगा, उन्होंने दो वर्षों तक ख़ुशी के क्षण और अपने दुःख और पीड़ा को पोस्ट किये l

जब कैरल ने लिखा कि उसके पति “यीशु की खुली बाहों में चले गए,” सैंकड़ों लोगों ने प्रत्युत्तर दिया, कईयों ने कैरल को उनके खुलेपन के लिए धन्यवाद किया l एक व्यक्ति ने प्रतिक्रिया किया कि एक मसीही दृष्टिकोण से मृत्यु के विषय सुनना स्वास्थ्यप्रद था, क्योंकि एक दिन “हम सबों को मरना है l” किसी और ने कहा कि यद्यपि व्यक्तिगत रूप से उस जोड़े से उसकी मुलाकात कभी नहीं होगी, वह प्रगट नहीं कर सकती कि उसने परमेश्वर पर उनके भरोसे की साक्षी के द्वारा कितना प्रोत्साहन प्राप्त की l

यद्यपि पापा जॉन ने कभी-कभी अत्यधिक दर्द का सामना किया, फिर भी उन्होंने और कैरल ने अपनी कहानी को साझा किया ताकि वे दर्शा सकें कि परमेश्वर ने उनको कैसे संभाला था l वे जानते थे कि उनकी साक्षी परमेश्वर के लिए फलदायी होगी, दुःख सहते समय पौलुस ने जो तीमुथियुस को लिखा उसको प्रतिध्वनित किया : “मुझे निश्चय है कि वह मेरी धरोहर की उस दिन तक रखवाली कर सकता है” (2 तीमुथियुस 1:12) l

मसीह यीशु में हमें प्राप्त होने वाले अनुग्रह के द्वारा (पद.9) से परमेश्वर हमारे (और दूसरों के विश्वास) को मजबूत करने के लिए किसी प्रियजन की मृत्यु का भी उपयोग कर सकता है l यदि आप पीड़ा और कठिनाई का सामना कर रहे हैं, तो जान लें कि वह आराम और शांति ला सकता है l