विजय एक कानूनी फर्म/कंपनी के लिए काम करता था, जो सुरेश की कंपनी को सलाह देती थी l वे मित्र बन गए – जब तक कि विजय ने कंपनी से लाखों रूपयों का गबन नहीं कर लिया l सुरेश आहत और क्रोधित हुआ जब उसे पता चला, लेकिन उसने मसीह में विश्वास रखने वाले अपने मालिक से बुद्धिमान परामर्श प्राप्त किया l उसके मालिक ने देखा कि विजन बहुत शर्मिंदा और पश्चातापी था, और उसने सुरेश को आरोप मुक्त करने और विजय को नौकरी देने की सलाह दी l “उसे एक उचित वेतन का भुगतान करें ताकि वह वापस कर सके l आपके पास कभी भी अधिक आभारी, वफादार कर्मचारी नहीं होगा l” सुरेश ने किया, और विजय वफादार हुआ l

राजा शाऊल के पोते मपिबोशेत ने कुछ भी गलत नहीं किया था, लेकिन जब दाऊद राजा बना, तब वह एक कठिन जगह पर था l अधिकाँश राजाओं ने राजवंशों को घात किया l लेकिन दाऊद राजा शाऊल के बेटे योनातान से प्यार करता था, और उसके जीवित बेटे को अपना मानता था (देखें 2 शमूएल 9:1-13) l उसकी कृपा से जीवन भर के लिए एक दोस्त को जीत लिया l मपिबोशेत ने आश्चर्य किया कि “मेरे पिता का समस्त घराना तेरी ओर से प्राण दंड के योग्य था; परन्तु तू ने अपने दास को अपनी मेज पर खाने वालों में गिना है” (19:28) l वह दाऊद के प्रति तब भी वफादार रहा जब दाऊद के पुत्र अबशालोम ने दाऊद को यरूशलेम से भगाया (2 शमूएल 16:1-4; 19:24-30) l

क्या आप जीवन भर के लिए एक वफादार मित्र चाहते हैं? कोई जो असाधारण है आपको उसके लिए कुछ असाधारण करने की ज़रूरत हो सकती है l जब सामान्य ज्ञान दंड का चुनाव करता है, तो आप अनुग्रह का चुनाव करें l उन्हें जवाबदेह ठहराएं, लेकिन अयोग्य लोगों को सही बनने का मौका दें l आप कभी भी अधिक आभारी, समर्पित दोस्त नहीं पा सकते हैं l सामान्य से परे, अनुग्रह के साथ सोचें l