शनिवार सुबह 6:33 बजे स्तुति गीत निचली मंजिल की ओर प्रवाहित हुआ । मैं नहीं सोचता हूँ कि कोई और जाग रहा था, लेकिन मेरी सबसे छोटी बेटी की कर्कश आवाज ने मुझे गलत साबित कर दिया । वह मुश्किल से होश में थी, लेकिन उसके होठों पर पहले से ही एक गीत था ।

मेरी सबसे छोटी बेटी एक गायक है । वास्तव में, वह गा नहीं सकती है । जब वह जागती है तो वह गाती है । जब वह स्कूल जाती है । जब वह बिस्तर पर जाती है । वह अपने दिल में एक गीत के साथ पैदा हुई थी – और ज्यादातर समय, उसके गाने यीशु पर केंद्रित होते हैं । वह कहीं भी, कभी भी परमेश्वर की स्तुति करती है l

मुझे अपनी बेटी की आवाज की सादगी, भक्ति और ईमानदारी पसंद है । उसका सहज और हर्षित गीत पूरी बाइबल में पायी जाने वाली परमेश्वर की स्तुति के लिए गूंजता है । भजन 95 में, हम पढ़ते हैं, “आओ हम यहोवा के लिये ऊंचे स्वर से गाएँ, अपने उद्धार की चट्टान का जयजयकार करें” (पद.1) l आगे पढ़ते हुए, हम सीखते हैं कि यह प्रशंसा इस बात की समझ से प्रवाहित होती है कि वह कौन है (क्योंकि यहोवा महान् ईश्वर है, और सब देवताओं के ऊपर महान् राजा है,” पद.3) – और हम जिसके हैं (क्योंकि वही हमारा परमेश्वर है, और हम उसकी चराई की प्रजा . . . हैं,” पद.7) l

मेरी बेटी के लिए, वे सच्चाइयाँ सुबह में उसका पहला विचार है l परमेश्वर की कृपा से, यह छोटी सी उपासक हमें उसके लिए गाने के आनंद का गहरा स्मरण कराती है l