“द इकोनॉमिस्ट 1843 की पत्रिका में मैगी फर्ग्यूसन ने लिखा, “यह कोई पीड़ा हो सकती है जो आवासहीनता, भूख या बीमारी से अधिक कष्टदायक हो सकता है l उनका विषय है? अकेलापन l फर्ग्यूसन ने किसी भी सामाजिक या आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना, दिल दहलाने वाले उदाहरणों का उपयोग करते हुए कि अकेला होना कैसा महसूस होता है अकेलेपन की बढ़ती गति को लेखबद्ध किया l
अकेला महसूस करने का दुख हमारे दिन के लिए नया नहीं है l वास्तव में, अकेलापन की पीड़ा सभोपदेशक की प्राचीन किताब के पन्नों से गूँजती है l अक्सर राजा सुलैमान के नाम, पुस्तक उन लोगों के दुखों का वर्णन करता है जो किसी भी सार्थक रिश्तों की कमी महसूस करते हैं (4:7–8) l उपदेशक ने कहा कि उल्लेखनीय धन प्राप्त करना संभव है और फिर भी उससे कोई उपयोगिता अनुभव नहीं करना क्योंकि इसे साझा करने वाला कोई नहीं है l
लेकिन उपदेशक ने साहचर्य की सुंदरता को भी पहचान लिया, यह लिखते हुए कि जितना आप अकेले दम पर हासिल करेंगे, मित्र आपको उससे अधिक करने में मदद करेंगे (पद.9); सहयोगी जरूरत के समय मदद करते हैं (पद.10); साथी आराम लाते हैं (पद.121); और मित्र कठिन परिस्थितियों में सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं (पद.12) l
अकेलापन ख़ासा एक संघर्ष है – परमेश्वर ने हमें दोस्ती और समुदाय के लाभों की पेशकश करने और प्राप्त करने के लिए बनाया है l यदि आप अकेला महसूस कर रहे हैं, तो प्रार्थना करें कि परमेश्वर आपको दूसरों के साथ सार्थक संबंध बनाने में मदद करे l इस बीच, इस वास्तविकता में प्रोत्साहन पाएं कि विश्वासी कभी भी वास्तव में अकेला नहीं होता है क्योंकि यीशु की आत्मा हमेशा हमारे साथ है (मत्ती 28:20) l