Month: अप्रैल 2021

हमारे सर्वाधिक बदतर अवस्था में

“वह सहनीय है, लेकिन मुझे आकर्षित करने के लिए पर्याप्त सुंदर नहीं है l” जेन ऑस्टेन के प्राइड एंड प्रेजुडिस (Pride and Prejudice) में मिस्टर डार्सी द्वारा सुनाया गया यह वाक्य, वह कारण है कि मैं उस उपन्यास और मुझ पर इसके प्रभाव को कभी नहीं भूल पाऊँगी l क्योंकि उस एक वाक्य को पढ़ने के बाद,  मैंने दृढ़ता से निर्णय लिया कि मैं मिस्टर डार्सी को कभी पसंद नहीं करूंगी  l

पर मैं गलत थी  l ऑस्टिन के चरित्र एलिजाबेथ बेनेट की तरह, मुझे धीरे-धीरे─और काफी अनिच्छा से─अपने दिमाग को बदलने का नम्र अनुभव हुआ था l उसकी तरह, मैं डार्सी के चरित्र को पूरी तरह से जानने के लिए तैयार नहीं थी; मैंने उनकी सबसे खराब क्षणों में से एक पर अपनी प्रतिक्रिया को दृढ़ता से थामे रही  l उपन्यास खत्म करने के बाद, मैं सोचने लगी  कि मैंने वास्तविक दुनिया में किसके साथ वही गलती की थी l  मैं एक आकस्मिक निर्णय छोड़ना नहीं चाहती  थी  इसलिए मैं कौन सी मित्रता में विफल रही थी?

यीशु में विश्वास के केंद्र में हमारे उद्धारकर्ता द्वारा देखे जाने, प्यार करने और गले लगाने का अनुभव है─हमारे सर्वाधिक बदतर अवस्था में (रोमियों 5:8; 1 यूहन्ना 4:19)  l यह महसूस करने का आश्चर्य है कि हम मसीह में वास्तव में क्या हैं, के लिए अपने पुराने, झूठे निजी व्यक्तित्व को समर्पित कर सकते हैं (इफिसियों 4:23-24) l  और यह समझने की खुशी है कि हम अब अकेले नहीं हैं  बल्कि एक परिवार का हिस्सा हैं,  “प्रेम में [चलना]”─वास्तविक, शर्तहीन प्रेम (5:2)─सीखनेवालों का एक “झुण्ड” हैं l

जब हम याद करते हैं कि मसीह ने हमारे लिए क्या किया है (पद.2), तो जैसे वह हमें देखता है हम दूसरों को उस तरह देखने के लिए कैसे नहीं तरसेंगे?

चंगाई के लिए एक वृक्ष

लगभग 2.19 करोड़ रुपये में, आप एक नई मैकलेरन लक्जरी स्पोर्ट्स कार खरीद सकते हैं l वाहन V8 इंजन के साथ आता है जिसमें 710 हॉर्सपावर की क्षमता होती है─जो आपके सुबह के जाने और आने के लिए आपकी आवश्यकता से कहीं अधिक है l

बेशक, आप उस सारी शक्ति का उपयोग करने के लिए ललचा सकते हैं l एक ड्राइवर ने जाना  कि उसकी कार इतनी “तेज” थी कि वह अत्यधिक महँगी कार वाले शोरूम से रद्दी माल के ढेर में सिर्फ चौबीस घंटे में जा सकती थी! कार खरीदने के एक दिन बाद, उसने उसे एक पेड़ से टकरा दिया l (शुक्र है, वह बच गया l)

बाइबल की कहानी के सिर्फ तीन अध्यायों में, हम सीखते हैं कि कैसे एक अलग बुरे चुनाव और एक पेड़ ने परमेश्वर की अच्छी रचना को बिगाड़ दिया l आदम और हव्वा ने उस एक पेड़ से खाया जिसे उन्हें अकेले छोड़ देना चाहिए था (उत्पत्ति 3:11) l कहानी मुश्किल से शुरू हुई थी, और अदन वाटिका शापित हो गया (पद.14-19) l

एक और पेड़ इस अभिशाप को ख़त्म करने में भूमिका निभानेवाला था─क्रूस जिसे यीशु ने हमारे लिए उठाया l उसकी मृत्यु ने हमारा भविष्य उसके साथ निश्चित कर दिया (व्यवस्थाविवरण 21:23; गलातियों 3:13) l

कहानी बाइबल के आखिरी अध्याय में पूरी हो जाती है l वहाँ हम “जीवन के जल की नदी” के बगल में “जीवन [के] वृक्ष” के विषय पढ़ते हैं (प्रकाशितवाक्य 22:1-2) l जैसा कि यूहन्ना ने वर्णन किया है,  इस “वृक्ष . . . से जाति-जाति के लोग चंगे” होंगे (पद.2) l और वह हमें आश्वासन देता है, “फिर श्राप न होगा” (पद.3) l परमेश्वर की कहानी हमारी चाहत के अनुकूल ख़त्म होती है कि सब कुछ सम्पूर्ण और अच्छा होगा l

परमेश्वर के साथ बेहतर

अपने कॉलेज वॉलीबॉल टीम में, मेरी पोती ने एक जीत दिलानेवाला सिद्धांत सीखा l जब बॉल उसके सामने आती थी, तो चाहे कुछ भी हो, वह बॉल की स्थिति और गति को बेहतर बना देती थी l वह ऐसा खेलती थी जिससे उसके टीम के साथी बेहतर स्थिति में होते थे─बगैर नखरे, दोष, या बहाने के l हमेशा स्थिति को बेहतर बनाएँ l

जब बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर ने दानिय्येल और तीन इब्री मित्रों को कैद में ले लिया तो दानिय्येल की प्रतिक्रिया ऐसी ही थी l हालाँकि, उन्हें गैर इब्री नाम दिए गए थे और दुश्मन के महल में तीन साल का “प्रशिक्षण” लेने की आज्ञा दी गयी, दानिय्येल ने क्रोध नहीं किया l इसके बजाय, उसने राजा के पोष्टिक भोजन और दाखमधु को खाकर परमेश्वर की दृष्टि में खुद को अपवित्र न करने की अनुमति मांगी l जैसा कि इस पेचीदा बाइबल कहानी में दिखाया गया है कि दस दिनों तक सब्जी और पानी के अलावा कुछ नहीं खाने के बाद (दानिय्येल 1:12), दानिय्येल और उसके दोस्तों के “मुँह राजा के भोजन के खानेवाले सब जवानों से अधिक अच्छे और चिकने दिखाई पड़े” (पद.15)) l

एक और बार, नबूकदनेस्सर ने दानिय्येल और महल के सभी बुद्धिमान लोगों को मारने की धमकी दी, यदि वे राजा के परेशान करने वाले सपने को नहीं दोहरा सकते और उसका मतलब नहीं बता सकते l फिर से, दानिय्येल घबराया नहीं, लेकिन “स्वर्ग के परमेश्वर” से कृपा मांगी,  और भेद दर्शन के द्वारा प्रगट किया गया (2:19) l जैसे दानिय्येल ने परमेश्वर के विषय घोषणा की, “बुद्धि और पराक्रम उसी के हैं” (पद.20) l अपने सम्पूर्ण कैद के दौरान, दानिय्येल ने सामना किये गए संघर्षों के बावजूद परमेश्वर से सर्वश्रेष्ठ माँगा l हमारी अपनी परेशानियों में, हम उसके उदाहरण का अनुसरण करें, जिससे स्थिति को परमेश्वर तक ले जाकर बेहतर बनाया जा सके l

नई आँखों से देखना

एक वीडियो गेम, जो सांस्कृतिक तथ्य बन गया है, एक आभासी द्वीप पर सौ खिलाड़ियों को मुकाबला करने के लिए रखता है जब तक कि एक खिलाड़ी न रह जाए l जब भी कोई खिलाड़ी आपको प्रतियोगिता से हटाता है,  तो आप उस खिलाड़ी के दृष्टिकोण को देखना जारी रख सकते हैं l जैसा कि एक पत्रकार ध्यान देता है, “जब आप किसी अन्य खिलाड़ी का स्थान लेते हैं और उनकी दृष्टिकोण में बस जाते हैं,  तो भावनात्मक लेखा . . . स्व-संरक्षण से . . . सांप्रदायिक एकजुटता की ओर स्थानांतरित हो जाता है l आप खुद को अजनबी में निवेश किया हुआ आभास करने लगते हैं जिसे, थोड़ा समय पहले, आपने हराया था l   

परिवर्तन तब होता है जब हम अपनी दृष्टि से परे देखते हुए और दूसरे के दर्द,  भय या आशाओं का सामना करते हुए, दूसरे के अनुभव को देखने के लिए खुद को खोलते हैं l जब हम यीशु के उदाहरण का अनुसरण करते हैं और “विरोध या झूठी बड़ाई के लिए कुछ [नहीं करते हैं], बल्कि इसके बदले “दीनता से एक दूसरे को अपने से अच्छा [समझते हैं],” तब हम उन चीजों को नोटिस करते हैं जिन्हें हम अन्यथा भूल गए होते (फिलिप्पियों 2:3) l हमारी चिंताएँ बढ़ जाती हैं l हम अलग-अलग सवाल पूछते हैं । केवल “अपने ही हित की” तलाश करने के बजाय,  हम “दूसरों के हित की . . . चिंता” करने के लिए प्रतिबद्ध हो जाते हैं (पद.4) l जो हम मानते हैं कि हमें जीने के लिए जरूरी है उसकी सुरक्षा करने के बजाए,  हम आनंदपूर्वक उसका पीछा करते हैं जो दूसरों की उन्नति में मदद करता है l

इस रूपांतरित दृष्टि के साथ,  हम दूसरों के लिए दया प्राप्त करते हैं l हम अपने परिवार से प्यार करने के नए तरीके खोजते हैं l हम एक दुश्मन को दोस्त भी बना सकेंगे!

सम्पूर्ण शांति का परमेश्वर

टिम्मी सिर्फ एक बिल्ली का बच्चा था जब उसके मालिक ने उसे एक पशु आश्रय में छोड़ दिया, यह सोचकर कि वह ठीक होने के लिए बहुत बीमार था l बिल्ली के बच्चे का इलाज किया गया और वह स्वस्थ हो गया और पशु चिकित्सक द्वारा अपना लिया गया l फिर वह आश्रय स्थल पर एक पूर्णकालिक निवासी बन गया और अब अपने दिन बिल्लियों और कुत्तों को “आराम” देने में बिताता है─तुरंत सर्जरी से बाहर आनेवालों या किसी बीमारी से उबरनेवालों के साथ─अपनी गर्म उपस्थिति और कोमल घुरघुराहट के द्वारा l

यह कहानी एक छोटी सी तस्वीर है जो हमारा प्रेमी परमेश्वर हमारे लिए करता है─और बदले में हम दूसरों के लिए क्या कर सकते हैं l वह हमारी बीमारी और संघर्ष में हमारी परवाह करता है, और वह हमें अपनी उपस्थिति से आराम पहुँचाता है l 2 कुरिन्थियों में प्रेरित पौलुस हमारे परमेश्वर को, “दया का पिता और सब प्रकार की शांति का परमेश्वर” संबोधित करता है (1:3) l जब हम हतोत्साहित, निराश या हमसे बुरा व्यवहार किया जाता है, तो वह हमारे लिए उपस्थित रहता है l जब हम प्रार्थना में उसकी ओर मुड़ते हैं, तो वह “हमारे सब क्लेशों में शांति देता है” (पद.4) l

लेकिन पद 4 वहाँ समाप्त नहीं होता है l पौलुस, जिसने गहन पीड़ा का अनुभव किया था, आगे कहता है, “ताकि हम उस शांति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शांति दें सकें जो किसी प्रकार के क्लेश में [हैं] l” हमारा पिता हमें शांति देता है, और जब हम उसकी शांति का अनुभव कर लेते हैं, हम दूसरों को शांति देने में सक्षम होते हैं l

हमारा दयालु उद्धारकर्ता, जिसने हमारे लिए पीड़ा सही, वह हमारे दुःख और संकट में शांति देने में सक्षम से भी बढ़कर है (पद.5) l वह हमारे दर्द में हमारी मदद करता है और हमें दूसरों के लिए भी ऐसा करने के लिए तैयार करता है l