पंद्रह वर्षों तक,  माइक बर्डन ने अपने छोटे से शहर में स्मरणीय वस्तुओं की दुकान में घृणा से भरी बैठकें कीं l लेकिन 2012 में जब उसकी पत्नी ने उसकी भागीदारी पर सवाल उठाना शुरू किया,  तो उनका हृदय नरम हो गया l उसने महसूस किया कि उसके जातिवादी विचार कितने गलत थे और वह अब वह व्यक्ति नहीं होना चाहता था l उग्रवादी समूह ने उसके परिवार को उस अपार्टमेंट से बाहर निकाल कर बदला लिया जो वे उनमें से एक सदस्य से किराये पर ले रखा था l

वह मदद के लिए कहाँ गया?  हैरानी की बात है,  वह एक स्थानीय काले पास्टर के पास गया, जिसके साथ उसका संघर्ष हुआ था l पास्टर और उनके चर्च ने कुछ समय के लिए माइक के परिवार के लिए आवास और किराने के सामान का प्रबंध किया l जब उनसे पूछा गया कि वह मदद करने के लिए क्यों सहमत थे, तो पास्टर कैनेडी ने समझाया, “यीशु मसीह ने कुछ बहुत ही अलोकप्रिय काम किये l जब मदद करने का समय आता है,  तो आप वही करते हैं जो परमेश्वर  चाहता है कि आप करें l” बाद में माइक ने कैनेडी के चर्च में बोला और नफरत फैलाने में अपने हिस्से के लिए अश्वेत समुदाय से माफी मांगी l

यीशु ने पहाड़ी उपदेश में कुछ अलोकप्रिय विचारों की शिक्षा दी : “जो कोई तुझ से मांगे, उसे दे … अपने बैरियों से प्रेम रखो और अपने सतानेवालों के लिए प्रार्थना करो” (मत्ती 5:42,44) l यह सोचने का उल्टा तरीका है परमेश्वर जिसका अनुसरण करने के लिए हमें बुलाता है l यद्यपि यह कमजोरी की तरह दिखता है,  यह वास्तव में परमेश्वर की सामर्थ्य को कार्य्वान्वित करना है l

वह जो हमें सिखाता है ही वह है जो यह उल्टा जीवन के लिए जैसे वह हमसे मांग करता है हमें जीने की शक्ति देता है l