जब मैं इंग्लैंड में रहने लगी, तो नवम्बर के महीने में थैंक्सगिविंग (Thanksgiving day/कृतज्ञता दिवस) का अमरीकी अवकाश सप्ताह का एक और गुरुवार के समान बन गया l बहरहाल,मैंने सप्ताह के अंत में एक दावत आयोजित की थी क्योंकि मैं उस दिन परिवार और दोस्तों के साथ रहना चाहती थी l हालांकि मैं समझ गयी थी कि मेरी अभिलाषा अनोखी नहीं थी l हम सभी विशेष अवसरों और छुट्टियों पर अपने प्रिय लोगों के साथ रहना चाहते हैं l और जब हम जश्न मना रहे होते हैं, तब भी हम किसी ऐसे व्यक्ति को याद कर सकते हैं जो हमारे साथ नहीं है या हम प्रार्थना करते हैं कि हमारा खंडित परिवार शांति से रहे l 

ऐसे समय के दौरान, प्रार्थना करने और बाइबल की बुद्धि पर मनन करने से मुझे मदद मिली है, जिसमें राजा सुलेमान का एक नीतिवचन भी शामिल है : “जब आशा पूरी होने में विलम्ब होता है, तो मन शिथिल होता है, परन्तु जब लालसा पूरी होती है, तब जीवन का वृक्ष लगता है” (नीतिवचन 13:12) l इस नीतिवचन में, सुलेमान अपने ज्ञान को सपष्टता से साझा करते हुए टिप्पणी करता है कि “आशा टलने” से हो सकता है: किसी चीज़ में  बहुत अधिक विलम्ब होने के कारण अत्यधिक घबराहट और पीड़ा हो सकती है l लेकिन जब इच्छा पूरी हो जाती है, तो यह जीवन के वृक्ष की तरह होती है—कुछ ऐसा जो हमें तरोताज़ा और नए सिरे से महसूस करने की अनुमति देता है l 

हो सकता है कि हमारी कुछ आशाएं और इच्छाएँ तुरंत पूरी न हों, और कुछ हमारे मरने के बाद परमेश्वर द्वारा पूरी होंगी l हमारी जो भी अभिलाषा हो, हम परमेश्वर पर भरोसा कर सकते हैं, यह जानते हुए कि वह हमसे असीम प्रेम करता है l और,एक दिन, जब हम अपने प्रियजनों के साथ फिर से मिल जाएंगे तब हम उसके साथ भोज करते हुए उसे धन्यवाद दे सकते हैI (देखें प्रकाशितवाक्य 19:6-9)