ग्लोबल हैल्थ क्राइसेस (वैश्विक स्वास्थ्य संकट) में एक नर्स के रूप में निराशा की भारी भावना का सामना  करने पर चर्चा करते हुये मेरी सहेली ने रोते हुये कहा  “मुझे नहीं लगता कि मैं अब और ऐसा कर सकती हूं। मुझे पता है कि परमेश्वर ने मुझे नर्सिंग के लिए बुलाया है, लेकिन मैं अभिभूत हूं और भावनात्मक रूप से खाली हो चुकी हूं”,  उसने कबूल किया। यह देखकर कि  वह थक चुकी है, मैंने जवाब दिया “मुझे पता है कि आप अभी असहाय महसूस कर रही हैं, लेकिन परमेश्वर  से मांगें कि वह आपको वह दिशा दे जिसकी आप तलाश कर रही हैं और दृढ़ रहने की शक्ति दें।”  उस क्षण, उसने स्वेच्छा से प्रार्थना के द्वारा परमेश्वर को खोजने का निर्णय लिया। इसके तुरंत बाद, मेरी दोस्त उद्देश्य की एक नई भावना के साथ भर गई । न केवल उन्हें नर्सिंग जारी रखने के लिए प्रोत्साहन मिला, बल्कि परमेश्वर  ने उन्हें देश भर के अस्पतालों की यात्रा करके और भी अधिक लोगों की सेवा करने की शक्ति दी।  

यीशु में विश्वासियों के रूप में, हम हमेशा सहायता और प्रोत्साहन के लिए परमेश्वर की ओर देख सकते हैं, जब हम अधिक बोझ महसूस करते हैं क्योंकि  “वह न थकता है और न श्रमित होता है” (यशायाह 40:28)। भविष्यवक्ता यशायाह कहता है कि स्वर्ग में हमारा पिता  “थके हुए को बल देता और शक्तिहीन को बहुत बल देता है” (पद 29) यद्यपि परमेश्वर की शक्ति चिरस्थायी है, वह जानता है कि निसन्देह  ऐसे दिन होंगे जब हम शारीरिक और भावनात्मक रूप से खाली हो जाएंगे  (पद 30)। लेकिन जब हम जीवन की चुनौतियों को अकेले पार करने की कोशिश करने के बजाय अपनी ताकत के लिए परमेश्वर को देखते हैं, तो वह हमें पुनर्स्थापित और बहाल करेगा और हमें विश्वास में आगे बढ़ने का संकल्प देगा।