2020 में, इस उत्सव ने अमेरिकी संविधान के उन्नीसवें संशोधन के पारित होने की सौवीं वर्षगाँठ को चिन्हित किया, जिसने महिलाओं को मतदान का अधिकार दिया l पुरानी तस्वीरों में भजन 68:11 के शब्दों से अलंकृत झंडो के साथ प्रदर्शन करनेवालों को कदमताल/मार्च(march) करते हुए दिखाया गया है :“प्रभु आज्ञा देता है, तब शुभ समाचार सुनानेवालियों की बड़ी सेना हो जाती है l”  

भजन सहिंता 68 में, दाऊद ने परमेश्वर का वर्णन एक ऐसे व्यक्ति के रूप में किया है जो बंदियों को छुड़ाता है (पद.6), अपने निज भाग को [जो] बहुत सूखा था . . . उसको हरा भरा किया है” (पद.9-10) l इस भजन के पैंतीस पदों में, दाऊद बयालीस बार परमेश्वर का ज़िक्र करता है, यह प्रकट करते हुए कि कैसे वह लगातार उनके साथ रहा है, उन्हें अन्याय और पीड़ा से बचाने के लिए काम कर रहा है l और स्त्रियों की एक बड़ी भीड़ इस सत्य का प्रचार करती हैI (पद.11) 

चाहे वे स्त्रियाँ जिन्होंने मतदान के अधिकार के लिए कदमताल/मार्च किया था, पूरी तरह से भजन 68 को समझ पायी थीं या नहीं लेकिन उनके झंडों ने एक कालातीत सत्य की घोषणा की l परमेश्वर, “अनाथों का पिता” और “विधवाओं का न्यायी” है (पद.5), अपने लोगों के आगे-आगे जाकर उन्हें आशीष, विश्राम और आनंद के स्थानों की ओर ले जाता है l 

आज यह याद करते हुए प्रोत्साहित हों कि परमेश्वर की उपस्थिति हमेशा अपने लोगों के साथ रही है, और विशेष रूप से कमज़ोर और पीड़ितों के साथ l जैसे कि अतीत में वह उसकी आत्मा के माध्यम से था,परमेश्वर आज भी हमारे साथ सामर्थ्यशाली रूप से उपस्थित है l