पढ़ें: मरकुस 9:14-29
“जब वह घर में आया, तो उसके चेलों ने एकांत में उससे पूछा, हम उसे क्यों न निकाल सके? उस ने उन से कहा, कि यह जाति बिना प्रार्थना किसी और उपाय से निकाल नहीं सकती।” (पद 28-29)
क्या हो यदि आप से कोई आपकी असफलताओं के बारे में दीवार पर लिखने को कहे कि सब उसको देख सकें? क्या हो यदि आपका बॉस आपको ऐसा करने को कहे? वास्तव में प्रत्येक दिन डन और ब्रेडस्ट्रीट क्रेडिब्लिटी कोरपरेशन में ऐसा ही होता है। जेफ़ स्टीबल, चीफ एक्सीक्यूटिव ऑफिसर, इस विफलता की दीवार के विचार के साथ आए। स्टीबल अपने कर्मचारियों को अभिप्रेरित करने के लिए उनसे उनकी विफलताओं के विषय में 10 बाई 15 फुट के सतह पर लिखने को कहते हैं ताकि वे अपने कार्य और जीवन में सफल होने पाएँ।
यीशु अपने चेलों से उनकी विफलताओं को स्वीकार करने को कहते हैं, ताकि वे उसके उद्देश्य में सफल हो सकें। यहाँ पर एक चीज़ जो चेले लिख सकते थे: “हमने दुष्टात्मा निकलते समय प्रार्थना कर परमेश्वर की सहायता नहीं मांगी”।
जब यीशु, पतरस, याक़ूब और यूहन्ना को साथ उस पहाड़ पर से उतरे जहाँ पर यीशु का रूप बदल गया था, तब उन्हें एक व्यक्ति (पिता) जिसका बेटा दुष्टात्मा से पीड़ित था (मरकुस 9:2-3, 17-18) उस दुष्ट आत्मा ने उसकी सुनने और बोलने की शक्ति छीन रखी थी।
पिता अपने बेटे को यीशु के पास चंगाई के लिए लाया था, पर यीशु की अनुपस्थिति में वे उसके चेलों के पास गए। यद्यपि उनको दुष्ट आत्माओं को निकालने का अधिकार दिया गया था। (6:7,13), इस दिन वे नहीं कर पाये। यीशु ने उस व्यक्ति के बेटे को चंगा कर दिया, ताकि उसके चेले उससे पूछें: “हम क्यों उस दुष्ट आत्मा को नहीं निकाल पाये?” (9:28)। चेलों ने परमेश्वर से प्रार्थना और उस पर निर्भर हुए बिना अपनी शक्ति पर विश्वास कर प्रयत्न किया।
हम सब अपने जीवन में आध्यात्मिक हमले का साम्हना करते हैं। और हमारा स्वयं का पापमय जीवन हमें परीक्षाओं की ओर ले जाता है, जो हमें विफलता की ओर ले जाता है। हम कैसे अपने आप को परमेश्वर के लिए तैयार कर सकते हैं और असफल न हों? परमेश्वर का वचन पढ़कर (इफिसियों 6:17), आत्मिक हथियार बांध लो (6:10-17), विश्वास में बढ़ते जाओ (1 यूहन्ना 5:4-5) यीशु की शक्ति पर निर्भर करना (यूहन्ना 16:33) और उस पर प्रार्थना में निर्भर होना (इफिसियों 6:18)।
– मर्विन विलियम्स
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पढ़ें 2 राजा 4:32-35 और देखें कि किस प्रकार एलिशा ने मृत्यु के घोर अंधकार से अपने को लड़ने को तैयार किया।
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किस प्रकार से आपको आत्मिक शत्रुओं से साम्हना करने के लिये तैयारी की आवश्यकता है? इफिसियों 6:10-17 में वर्णित आपको किस प्रकार के हथियार की सबसे अधिक आवश्यकता है?