“पवित्र शास्त्र के वचन के अनुसार यीशु मसीह हमारे पापों के लिये मर गया। ओर गाड़ा गया; और पवित्र शास्त्र के अनुसार तीसरे दिन जी भी उठा।—1 कुरिन्थियों 15:3-4

क्रूस चर्च की मीनारों (शिखर) को सुसज्जित करते हैं और कब्रिस्तान को चिह्नित करते हैं। कभी-कभी वे उस स्थान को चिह्नित करते हैं जहां मोटरवे दुर्घटनाओं में लोग मारे गए थे। इन्हें आभूषण के रूप में भी पहना जाता है। क्रूस लोगों को यीशु मसीह की याद दिलाते हैं। मुझे इस बात का एहसास तब हुआ जब एक व्यापारी ने मेरी जैकेट के लैपेल पर एक छोटा सा सोने का क्रूस देखकर मुझसे पूछा, “आप यीशु मसीह में विश्वास क्यों करते हैं?” मुझे उनके साथ अपना विश्वास साझा करने का अवसर पाकर खुशी हुई।

यीशु हमारे लिए क्रूस पर मरे, लेकिन हम मृत उद्धारकर्ता की आराधना नहीं करते। हमारे प्रभु के शरीर को क्रूस से उतारकर कब्र में रखा गया, और फिर तीसरे दिन वह एक महिमामय शरीर में प्रकट हुए। क्रूस हमें पूर्ण चित्र के बारे में बताता है – हमारे पापों की कीमत चुकाने के लिए हमारे प्रभु की प्रायश्चित्त मृत्यु, साथ ही हमें मृत्यु की शक्ति से मुक्ति दिलाने के लिए उनका गौरवशाली पुनरुत्थान।

यदि मसीह ने क्रूस पर जो किया वह न होता, तो हम सभी परमेश्वर के सामने दोषी और मृत्यु के सामने निराश खड़े होते। फिर भी उस पर विश्वास के माध्यम से, हमें अपने पापों की क्षमा मिलती है और यह आश्वासन मिलता है कि मृत्यु हमें रोक नहीं सकती।

क्या आपने क्रूस को देखा है और उस पर भरोसा किया है जो वहां मरा था? यह अपराधबोध और भय का एकमात्र निश्चित और अचूक इलाज है। इसका मतलब यह है कि, सबसे निराशाजनक समय में भी, परमेश्वर हमसे प्यार करते हैं, हमारे साथ हैं, और हमें प्रदान करेंगे।

– हर्बर्ट वेंडर लुग्ट