सोक चिंग अभी कोविड-19 से उबरी ही थीं कि उसकी वृद्ध मां गिर गईं। कुछ दिनों बाद, उसकी माँ की मृत्यु हो गई। फिर उसके अलग हुए पति ने तलाक के लिए अर्जी दी और अपने छोटे बेटे की कस्टडी के लिए लड़ने की धमकी दी। सोक चिंग को ऐसा महसूस हुआ जैसे वह बेहद कठिन दौड़ से गुज़र रही हो, जीवन से पूरी तरह थक चुकी हो। परमेश्वर कहाँ है? उसने सोचा। क्या वह जानता है कि मैं किस दौर से गुज़र रही हूँ?
उसे प्रार्थना करना भी कठिन लगता था। तब निर्गमन 2:23-25 मन में आया। इस्राएली अनेक प्रकार की मुसीबतों से पीड़ित थे: एक अत्याचारी फिरौन, क्रूर दास स्वामी, उनके बेटे मारे जा रहे थे। उन्होंने भी यही प्रश्न पूछा होगा: “परमेश्वर कहाँ है?”
परन्तु वह वहाँ था: “परमेश्वर था, उनका कराहना सुनकर अपनी वाचा को स्मरण किया…और परमेश्वर ने इस्राएलियों पर दृष्टि करके उन पर चित्त लगाया” (वव. 24-25)। हालाँकि उनका छुटकारा चालीस साल बाद होगा, इस्राएलियों को आश्वासन दिया गया था कि परमेश्वर, उनके दर्द को जानते हैं और जवाब देंगे।
जैसा कि सोक चिंग ने अपनी पत्रिका से पढ़ा, इससे उसे याद आया कि परमेश्वर ने उसकी माँ की देखभाल करने में उसकी मदद की, जब उसके पति ने उसे छोड़ दिया तो उसे मजबूत किया और एक एकल माँ के रूप में उसे प्रोत्साहित किया। और उसे याद आया कि कैसे यीशु हमारे लिए क्रूस पर गया था। “यह मुझे आशा देता है,” उसने कहा, “यह जानकर कि परमेश्वर मेरे कठिन समय में मेरे साथ हैं।” वह विश्वास के साथ कह सकती थी, “परमेश्वर वहाँ है।” और वह स्मरण रखता है।”
-लेस्ली कोह
अतीत में कठिन समय में परमेश्वर ने आपकी कैसे मदद की है? आप उसके वादों से शक्ति कैसे प्राप्त कर सकते हैं?
पिता, आप जानते हैं कि मैं किस दौर से गुजर रहा हूँ, और आप मेरे दर्द और चिंता को भी जानते हैं। मैं जानता हूं आपको मेरी परवाह है। आप पर भरोसा बनाए रखने में मेरी मदद करें।
निर्गमन 2:23-25
23 बहुत दिनों के बीतने पर मिस्र का राजा मर गया। इस्राएली कठिन सेवा के कारण लम्बी लम्बी साँस लेकर आहें भरने लगे, और पुकार उठे, और उनकी दोहाई जो कठिन सेवा के कारण हुई वह परमेश्वर तक पहुँची।
24 परमेश्वर ने उनका कराहना सुनकर अपनी वाचा को, जो उसने अब्राहम, इसहाक, और याक़ूब के साथ बाँधी थी, स्मरण किया।
25 और परमेश्वर ने इस्राएलियों पर दृष्टि करके उन पर चित्त लगाया।
निर्गमन 2: 24
परमेश्वर ने उनका कराहना सुनकर अपनी वाचा को स्मरण किया।
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