ऊपर से हम पर भोर का प्रकाश उदय होगा कि अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठनेवालों को ज्योति दे। लूका 1:78–79

हम अभी परमेश्वर को सारी महिमा देने जा रहे हैं। आर्गन (बाजा) बजता है, गायक मंड़ली झूमने लगती है, और कलीसिया गाना शुरू कर देती है। लेकिन यह कोई चर्च में होने वाली आराधना नहीं है और वक्ता कोई उपदेशक नहीं है। इसके बजाय, यह ब्रिटेन के ग्लास्टोनबरी संगीत समारोह में एक रैप कलाकार है। उस रात वह टूटे होने, और परमेश्वर की सहायता के योग्य न होने के बारे में, लेकिन उसके अनुग्रह से अंधा होने के लिये एक सुसमाचार गीत गाने के लिए 100,000 लोगों की भीड़ का नेतृत्व करता है ।

एक धर्मनिरपेक्ष त्योहार में यह आत्मिक अंतराल आश्चर्यजनक लग सकता है, लेकिन मुझे लगता है कि यह समझ में आता है। एक ब्रिटिश सर्वेक्षण में पाया गया कि जो लोग यीशु में विश्वास नहीं करते हैं उनमें से पाँचवाँ हिस्सा लोग संकट के समय प्रार्थना करते हैं, इससे यह पता चलता है कि यह चकित करने चाली बात है कि बहुत संख्या में लोग “धार्मिक” हैं। एक समय आता है जब हमें एहसास होता है कि हम टूट चुके हैं और अपनी अंधेरी दुनिया को ठीक करने के लिए हमें हमसे किसी बड़े की जरूरत है।

इन प्रार्थनाओं का उत्तर पहले क्रिसमस पर आया। यीशु के आने की खबर परए मरियम ने भ्रष्ट अगुवों को नीचा दिखाये जाने वाला गीत गाया (लूका 1: 52) और जकर्याह ने गाया कि “एक ज्योति अंधेरे में बैठने वालों को प्रकाश देने के लिए आई है”(पद 79)। मसीह के जन्म के बाद, स्वर्गदूतों ने पृथ्वी पर आने वाली शांति का गीत गाया (2:13–14)। यीशु के द्वारा, एक अयोग्य संसार परमेश्वर की सहायता प्राप्त करने वाला था।

तो, जकर्याह के साथ, आइए हम परमेश्वर को धन्यवाद दें कि इस क्रिसमस पर जगत की ज्योति आ गई है। उस रैप कलाकार के साथ आइए इसकी चकाचैंध करने वाली चमक पर आश्चर्य करें। और आइए प्रार्थना करें कि एक दिन हर मंच यीशु के आगमन की घोषणा करेगा और हर दिल उसके लिये एक घर तैयार करेगा। —शेरिडन वोयसी

परमेश्वर के सामने अपनी अयोग्यता और टूटने को समझना हमारे लिए क्यों महत्वपूर्ण है? जीवन के किस क्षेत्र में चमकने के लिए आपको उसके प्रकाश की आवश्यकता है?

यीशु, जगत का प्रकाश, यद्यपि मैं अयोग्य हूं, फिर भी आप मुझे बचाने आए हैं। आज मैं फिर से आपकी कृपा से चकित हूँ!

लूका 1:67–79

67 और उसका पिता जकरयाह पवित्रा आत्मा से परिपूर्ण हो गया और भविष्यद्ववाणी करने लगा। 68 कि प्रभु इस्राएल का परमेश्वर धन्य हो, कि उस ने अपने लोगों पर दृष्टि की और उन का छुटकारा किया है। 69 और अपने सेवक दाऊद के घराने में हमारे लिये एक उद्धार का सींग निकाला। 70 जैसे उस ने अपने पवित्र भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा जो जगत के आदि से होते आए हैं, कहा था। 71 अर्थात् हमारे शत्रुओं से, और हमारे सब बैरियों के हाथ से हमारा उद्धार किया है।
72 कि हमारे बाप दादों पर दया करके अपनी पवित्रा वाचा का स्मरण करे। 73 और वह शपथ जो उस ने हमारे पिता इब्राहीम से खाई थी। 74 कि वह हमें यह देगा कि हम अपने शत्रुओं के हाथ से छुटकर। 75 उसके साम्हने पवित्राता और धार्मिकता से जीवन भर निडर रहकर उस की सेवा करते रहें। 76 और तू हे बालक, परमप्रधान का भविष्यद्वक्ता कहलाएगा, क्योंकि तू प्रभु के मार्ग तैयार करने के लिये उसके आगे आगे चलेगा, 77 कि उसके लोगों को उद्धार का ज्ञान दे, जो उन के पापों की क्षमा से प्राप्त होता है। 78 यह हमारे परमेश्वर की उसी बड़ी करूणा से होगा, जिस के कारण ऊपर से हम पर भोर का प्रकाश उदय होगा। 79 कि अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठनेवालों को ज्योति दे, और हमारे पांवों को कुशल के मार्ग में सीधे चलाए।