सावधान रहो! तुम मनुष्यों को दिखाने के लिये अपने धर्म के काम न करो। मत्ती 6:1
दिनेश एक दिव्यांग होने के कारण अपने दिन प्रतिदिन की क्रियाओं में बहुत सी परेशानियों का सामना करता है जिसके कारण हर काम में उसे बहुत समय लगता है परिणाम स्वरूप उसे इसके कारण बहुत पीड़ा होती है। यह सब होते हुए भी वह अपनी पत्नी और बेटे की सेवा करता है। वह अपने चौबारे की घास को समय काटता है जिससे आते जाते लोग देखते हैं।
एक दिन दिनेश को किसी अज्ञात व्यक्ति ने पत्र लिखा और एक बहुत कीमती घास काटने की मशीन उपहार स्वरूप दी। गुप्त रूप से किसी जरूरतमंद की सहायता करने से संतुष्टि प्राप्त होती है।
यीशु मसीह सदैव गुप्त रूप से दान देने के लिए नहीं कहते परंतु वह तो हमें याद दिलाते हैं कि तुम्हारे देने का उद्देश्य क्या है (मत्ती 6:1) वह कहता है कि “इसलिये जब तू दान करे, तो अपने आगे तुरही न बजवा, जैसे कपटी, सभाओं और गलियों में करते हैं, ताकि लोग उन की बड़ाई करें (पद 2) । जब परमेश्वर चाहता है कि हम जरूरतमंदों की सहायता करें तो वह नहीं चाहता कि हम लोगों को दिखाकर यह सब करें जिससे कि हमारी वाह-वाह होने पाए (पद 3)।
जब हमें एहसास होता है कि जो कुछ भी हमारे पास है परमेश्वर द्वारा ही दिया गया तो ही हम एक गुप्त दानी हो सकते हैं जिन्हें अन्य लोगों से वाह वाह लूटने की आदत ना हो। हमारा सर्वज्ञानी परमेश्वर जो हमें सारी भली वस्तुएं उपलब्ध कराता है वह अपने वास्तविक दान देने से प्रसन्ना होता है जिसके प्रतिफल को परमेश्वर से कोई नहीं रोक सकता।
-ज़ौक्षिल डिक्सन
विचार
किसी अन्य व्यक्ति के गुप्त रूप से दान देने के कारण परमेश्वर ने आपकी कैसे सहायता की है? आपको आज कौन अज्ञात रूप से उपहार दे सकता है?
प्रिय परमेश्वर कृपया करके मुझे अवसर प्रदान करें कि मैं नि:स्वार्थ और कुर्बानी स्वरूप देने में सहायता प्रदान कर जैसे तूने मुझे दिया है।
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