परन्तु अब तुम्हारा राज्य समाप्त हो जाएगा, क्योंकि प्रभु ने अपने मन के अनुसार एक पुरूष ढूंढ़ लिया है। प्रभु उसे पहले ही नियुक्त कर चुका है. . . क्योंकि तुम ने यहोवा की आज्ञा का पालन नहीं किया। 1 शमूएल 13:14

हाय. . . मैं अब पूर्ण नहीं हूं।“ मैं अंदर ही अंदर कराह उठा। यह अहसास मुझे तब हुआ जब हमने अपने पुराने टीवी को हटाकर एक नया 42 इंच टीवी ले आए उसके रंग अच्छे थे आवाज सुरीली परंतु सबटाइटल्स को क्या हुआ? वह क्यों बड़ी धुंधले से दिख रहे थे लगता था कि मेरी आंखें खराब हो गए हैं मेरे डॉक्टर ने मुझे बताया था कि मेरी बाई आंख का संतुलन लगभग 20 डिग्री बिगड़ चुका है।

मैंने अक्सर देखा है कि जब कहीं थोड़ा बहुत असंतुलन हो तो हम उसे अनदेखा कर देते हैं और सोचते हैं कि उसको ठीक करने से बेहतर है कि उसे ऐसे ही छोड़ दिया जाए। इस प्रकार का आचरण तब बहुत ही गंभीर हो सकता है जबकि हम पाप के विषय ने इसे देखते हैं, जिसके लिए शाऊल एक अच्छा उदाहरण है।

यदि हम सच्चे मायनों में शाऊल के आचरण को देखें तो प्रतीत होता है कि वास्तव में उसने कोई बहुत बड़ी गलती नहीं करदी थी (1 शामुएल 10:8, 13.9) । बाहरी तौर पर देखने में लगता है कि उस समय राष्ट्रीय को एक क्रिया करनी थी और उसे करने वाला शमुएल वहां पर उपस्थित ना था (1 शामुएल 13:8) तो शाऊल ही था जो उस प्रक्रिया को पूरा करने वाला प्रतीत होता है ।

शाऊल का होम बलि चढ़ाना क्यों अनुचित था (1 शामुएल 13:10-11) । वह कार्य कर दिया था जिसे करने के लिए उसे नियुक्त किया गया था जो कि परमेश्वर के समक्ष एक आना गया कार्य का भाग है। परमेश्वर के समय का इंतजार करने की अपेक्षा उसने याजक की भूमिका को स्वयं ही निपटा दिया।

यह परिस्थिति शाऊल के जीवन में एक कमी को प्रदर्शित करती है। उसका मन परमेश्वर की पूर्ण आज्ञाकारिता पर स्थित नहीं था। क्या उसने इसके विषय सुधार के लिए कुछ किया? नहीं! 1 शामुएल 15 में हम एक युद्ध और आज्ञाकारिता के विषय में पढ़ते हैं। एक और बार वह स्वयं को दयनीय प्रमाणित करता है(1 शामुएल 15:20) परंतु शामुएल परमेश्वर के वक्ता स्वरूप उसे कहता है कि “जब तूने परमेश्वर की आज्ञा का तिरस्कार किया है इसी कारण परमेश्वर ने भी तेरा तिरस्कार किया है” (1 शामुएल 15:26)।

परमेश्वर की आज्ञा के पालन के विषय में ऐसा नहीं कि आप बिना सिद्ध हुए उसकी आज्ञा का पालन कर रहे हैं। आइए आज परमेश्वर की पवित्रताई को खोजें।

विचार

परमेश्वर के स्तर और पहुंचने के लिए आपके जीवन के कौन से क्षेत्र को परिवर्तन की आवश्यकता है?
कैसे आप परमेश्वर का एक स्पष्ट दर्शन प्राप्त कर सकते हैं?

 

 

 

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