हे पृथ्वी प्रभु के साम्हने, हां याकूब के परमेश्वर के साम्हने थरथराl – भजन संहिता 114:7
समुद्र की ताकतवर लहरें आगे पीछे, आगे पीछे आती जाती रहती हैंl युगों से शक्तिशाली समुद्रों ने महाद्वीपों को बाँट रखा हैl मनुष्य ने इनके ऊपर से यात्रा करना, इनके गहरे तल में उतरना और इनको चीरकर आगे बढ़ना सीख लिया है, परन्तु इनकी लहरों की भयानक और निर्मम शक्ति पर विजय पाना आज भी मनुष्य के बूते से बाहर हैl चट्टानें चूर-चूर हो जाती हैं, किनारे बदल जाते हैं, और यहाँ तक कि अनुभवी नाविकों के जहाज़ किनारे से टकरा जाते हैं या समुद्र के तल में पहुँचा दिए जाते हैंl मनुष्य की सारी प्रवीणता और सबसे अधिक शक्तिशाली उपकरण मिलकर भी समुद्रों पर विजय पाने के लिए कुछ ख़ास नहीं कर सकतेl
लेकिन हाँ, परमेश्वर के लिए यह समुद्र कोई बड़ा मसला नहीं हैंl वह जिसने शक्तिशाली समुद्रों को सृजा, इनके साथ जैसा चाहे करता हैl भजन 114 परमेश्वर की महान शक्ति का वर्णन करने के लिए इस्राएलियों के मिस्र से निकलने और लाल समुद्र के बाँटने (निर्गमन 14:13-31) का हवाला देता हैl भजनकार लिखता है, “समुद्र देखकर भागा, यर्दन नदी उलटी बही” (भजन संहिता 114:3)l फिर वह पूछता है, “हे समुद्र, तुझे क्या हुआ, कि तू भागा?” (पद 5)l समुद्र परमेश्वर के आदेश का पालन कर रहे थेl
जब विपत्ति के उफनते समुद्र हमें डराएँ, तो हमें परमेश्वर की विस्मयकारी शक्ति को स्मरण रखने की आवश्यकता हैl जैसे समुद्र उसके सामने से भाग गए, वैसे ही वे बाधाएँ भी भाग सकती हैं जो हमें बहुत कठिन और विशालकाय प्रतीत होती हैंl इनमें परमेश्वर की शक्ति के सामने टिकने की बस उतनी ही क्षमता है जितनी चाय के कप में पानी की!
परमेश्वर अपने दासों को एक प्रतिज्ञा देता है :
तुम्हें जीवन का सामना अकेले नहीं करना होगा,
क्योंकि जब तुम अपने संघर्ष में कमज़ोर पड़ जाओ,
तो तुम्हारा नहीं, उसी का सामर्थ्य प्रबल होगाl – हेस्स
आपके अंदर जो परमेश्वर की शक्ति है वह
आपके आस पास की परेशानियों के दबावों से बड़ी हैl
पढ़ने के लिए आज का बाइबिल पाठ – भजन संहिता 114
जब इस्राएल ने मिस्र से, अर्थात् याकूब के घराने ने अन्य भाषावालों के मध्य से कूच किया, तब यहूदायहोवा का पवित्रस्थान और इस्राएल उसके राज्य के लोग हो गए। समुद्र देखकर भागा, यरदन नदी उलटी बही । पहाड़ मेंढ़ों के समान उछलने लगे, और पहाड़ियाँ भेड़-बकरियों के बच्चों के समान उछलने लगीं। हे समुद्र, तुझे क्या हुआ, कि तू भागा? हे यरदन, तुझे क्या हुआ, कि तू उलटी बही? हे पहाड़ो, तुम्हें क्या हुआ, कि तुम भेड़ों के समान, और हे पहाड़ियो, तुम्हें क्या हुआ कि तुम भेड़-बकरियों के बच्चों के समान उछलीं? हे पृथ्वी, प्रभु के सामने, हाँ, याकूब के परमेश्वर के सामने थरथरा। वह चट्टान को जल का ताल, चकमक के पत्थर को जल का सोता बना डालता है।
अंतर्दृष्टि
भजन 114 हमें इस्राएल के इतिहास को परमेश्वर की सामर्थ्य की साक्षी के रूप में स्मरण करने में सहायता करता हैl “समुद्र” का उल्लेख, जोकि परमेश्वर के द्वारा लाल समुद्र को दो भाग करने का हवाला है ताकि इस्राएल की सन्तान मिस्र की गुलामी में से बचकर निकल जाए (निर्गमन 14:21), वहीं “यर्दन, तू उलटी बही,” हमें यर्दन नदी के खुल जाने का स्मरण दिलाता है जब इस्राएलियों ने इसे पार करके पहली बार प्रतिज्ञा के देश में प्रवेश किया (यहोशु 3:13-16)l यहाँ तक कि परमेश्वर के द्वारा चट्टान में से जल का प्रावधान (निर्गमन 17:1-6) भी प्रभु की शक्ति की गवाही देता हैl जब हमारी शक्ति पर्याप्त न हो, तो उसकी शक्ति प्रबल हो सकती हैl