बिना किसी बाधा के सेवा कार्य
जबकि मार्था ने बिना आराम किए निरंतर यीशु की सेवा की उसकी बहन मरियम यीशु के चरणों में बैठ कर ध्यान से उसके वचनों को सुनती रही। इस परिस्थिति को मध्य नजर रखकर चार्ल्स स्पर्जन 1884 से 1922 ने लिखा ” हमें अधिक सेवा कार्य और अधिक से अधिक वार्तालाप एक साथ करना चाहिए। इसे करने के लिए हमें बहुत सी दया की आवश्यकता है। सेवा करना वार्तालाप करने से अधिक सहज है।
मैं एक बार एक ऐसी युवा माता से मिला जो इन दोनों को करने में सक्षम थी। वह परमेश्वर के वचन कि प्रत्येक दिन भूख रखती थी और अपने परिवार के कार्य को भी सफलता से करती थी। एक दिन उसे खयाल आया । उसने प्रत्येक कमरे में एक पत्ता और ऐसी पेंसिल रख दी जबकि वह अपने घर में काम कर रही थी उसने परमेश्वर के लिए स्वयं को खुला रखा। जब भी उसके दिमाग में कोई वचन आया या फिर किसी बात को अंगीकार करना वह किसी विषय के लिए प्रार्थना करना तो उसने अपने नजदीक रखें कागज पर उसे लिख दिया। शाम को जब उसके बच्चे सो जाते थे तब वह उन सब कागज़ों को एकत्र कर उन पर प्रार्थना सहित मनन करती थी।
इस स्त्री ने मरियम और मारता दोनों के ही तरीकों को एक साथ सीख लिया हमें परमेश्वर के साथ काम करने के दोनों तरीके सीखने चाहिए जिसमें हम उसकी सेवा और उससे वार्तालाप भी कर सकें।
– जोआनी
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