एक नवजात के रोने से ख़ामोशी टूटी और जन्म की घोषणा के साथ इतिहास बदल गया| एक बूढ़े आदमी ने बच्चे के चहरे को देख कर कहा.”अब मै शांति से मर सकता हूँ, जिसके लिए मैने जीवन भर प्रतीक्षा की उसे मैंने अपनी आँखों से देख लिया है” नज़दीक ही में, एक बूढी स्त्री,जिसने खुद को कई वर्षों से राजा की सेवा में दिया हुआ था, उसने सभी को जो सुनना चाहते थे उन्हें बताया कि वह भी बहुत समय से भविष्य को देखने के लिए जीवित रही थीI

एक बार फिर चुना हुआ परिवार आशा से भर गया था—परंतु कुछ नहीं हुआI बदलाव की आँधी वैसे नहीं चली जैसे अपेक्षा की गई थीIजिस बच्चे ने अपने जन्म से ही हंगामा मचा दिया था वह इतने अंधकार/गुमनामी में पला-बढ़ाI जबकि दूसरे बच्चे अपना नाम कमाने के लिए काम कर रहे थे, उनकी शादियाँ हुई और बच्चे पैदा हुए, वह देश के सबसे छोटे शहरों में से एक की पिछली सड़कों में अपने पिता के काम को सीखने में ही संतुष्ट दिख रहा थाI परंतु जब कोई नहीं देख रहा था तब यह ये नव युवक मामूली सी किसी जगह से परछाईयों से बाहर निकल कर आया और पड़ोसियों की चर्चा का विषय बन गयाI,

बिना किसी औपचारिक प्रशिक्षण के इस शिक्षक ने परिवार के सबसे शिक्षित सदस्यों को चुनौती देना शुरू कर दियाI उसने ऐसी बातें कही और करी जो पहले कभी भी किसी ने न कही थी और न हीं करी थीI उसने जान-बूझ कर महान राजा के बारे में बात की और शक्तिशाली काम किए जिससे भीड़ उसके पीछे हो लीIउसने वह आँखे खोल दी जो देख नहीं सकती थी और वह कान खोल दिए जो सुन नहीं सकते थेI वह पानी के ऊपर चलाI दुष्ट आत्माओं को भगाया, तूफान को शांत किया और मुर्दों को जिंदा कियाIहालांकि उस शिक्षक के रंग-रूप में ऐसा कुछ नहीं था जो उसे दूसरों से अलग करता हो फिर भी वह परिवार के अन्य सदस्यों के जैसा नही थाI उसने आम जनता के शत्रुओं से मित्रता कीI उसने देश के कुछ सबसे बदनाम लोगों के साथ खाया-पियाI उसने कोढियों के शरीर,उत्पीड़ितों के मन, और समाज के बहिष्कृत लोगों के ह्रदय परिवर्तन कियाI

यद्यपि वह अंधकार/गुमनामी में पला-बढ़ा फिर भी वह महानता के लिए पूर्वनिर्दिष्ट(नियत) किया गया थाI

वह अप्रतिम शक्ति और अधिकार का व्यक्ति था फिर भी वह नम्रता के साथ अपनी शक्ति को रखता थाIयहाँ तक की, परिवार के अध्यात्मिक अगुवे भी ईर्ष्या और अविश्वास से चकरा जाते थेI उसने आम लोगों की भीड़ को आकर्षित किया क्योंकि वह स्त्रीयों का सम्मान करता और उनके बच्चों को गोदी में उठा लेता थाI जिस तरह वह लोगों को देखता था वैसे कभी किसी ने नहीं देखा थाI शिक्षक ने एक महा भोज का निमंत्रण दिया जिसकी सम्मानित अतिथियों की सूची में हर कोई शामिल था जो आने को तैयार थाI

जैसे शिक्षक के पीछे भीड़ जोरों से और तेज़ी से बढती गई परिवार के अन्य अगुवें चिंता और भय में पड़ गए I वे सभी उसके पास आए जिसने उन सभी का भरोसा माँगा था जो अपने जीवन जीने के तरीकों से थक चुके थेI उसने उन्हे उनके मन और ह्रदय के लिए विश्राम देने का वादा कियाI फिर तुलना की अद्भुत श्रृंखला में उसने दावा किया कि वह दरवाज़ा, जल, और रोटी है जिसे वह ढूँढ रहे थेI उसने उन्हें कहा कि यदि वे उस पर भरोसा करते है तो वह उन्हें जीवन के वृक्ष और खोये हुए स्वर्ग में वापस जाने का मार्ग दिखायेगाI

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आने वाले समय में एक महत्वपूर्ण छुट्टी के दिन के बारे में सोच कर परिवार के अगुवे चिंता में थे,अपने प्रभाव को खोता महसूस करते हुए उन्हें यह की कहीं शिक्षक वार्षिक “मेमने की बलि” के अवसर पर इकट्ठी हुई भीड़ का इस्तेमाल करके परिवार का नेतृत्व करने के लिए स्वयं को अगुवा ना घोषित कर देI ऐसा मानते हुए कि उन्हें जल्दी ही कुछ करना होगा, शिक्षक के शत्रुओं ने एक साहसी कदम उठायाI परिवार के अगुवों ने अपने मित्रों की जुटाई और सरकारी अधिकारीयों के पास कानूनी शिकायत दर्ज कराईI शिक्षक के अनुयायिओं के गुस्से का जोखिम उठाते हुए उन्होंने उस पर शांति भंग करने और राजा के नाम का अपमान करने का आरोप लगायाI कुछ ही घंटों के भीतर उन्होंने स्थानीय नौकरशाहों पर अपनी मांगों को मानने के लिए दबाव डालाI

परिवार के अब तक के सबसे प्यारे शिक्षक को एक बाड़े पर शिकारी की भांति पेड़ पर कीलों से ठोंका गया थाI

एक कमज़ोर इरादों वाला परंतु शक्तिशाली न्यायाधीश ने शिक्षक को पिटवाकर उसे जल्लादों के हवाले कर दियाI दो आम अपराधियों के साथ,परिवार के अब तक के सबसे प्यारे शिक्षक को एक बाड़े पर शिकारी की भांति पेड़ पर कीलों से ठोंका गया थाI जब उसकी माँ और मित्र रो रहे थे तब सिपाही डींगे हांक रहे थेIपरिवार के अगुवे चैन का अनुभव करते हुए झुण्ड में खड़े थेIअजनबी जो सार्वजनिक सड़क से गुज़र रहे थे तांकते रह जाते हैI Iकुछ समय के बाद, “मेमने की बलि” की छुट्टी की पूर्व संध्या पर उसके शरीर को एक किराये की कब्र में जल्दी से दफना दिया जाता हैI