और देखो,मैं जगत के अंत तक सदैव तुम्हारे संग हूँI (मत्ती 28:20)

1922 में अमरीकी कवी, टी.एस.इलियट ने एम्माउस के रास्ते पर दो शिष्यों के बारे में एक कविता लिखी जिसका नाम था “व्हाट द थंडर सेड”

वह तीसरा कौन है जो तुम्हारे साथ चलता है?
जब मैं गिनती करता हूँ तो वहां सिर्फ मैं और तुम साथ में होते है
मगर जब मैं आगे सड़क को देखता हूँ
तुम्हारे आलावा कोई और भी हमेशा तुम्हारे साथ चल रहा होता हैII

इलियट बताते है कि “यह पंक्तियों को अंटार्कटिक अभियानों में से एक के वर्णन से प्रेरित होकर लिखा गया था जो एक खोजकर्ताओं के दल की सामर्थ की पराकाष्ठा से सम्बंधित था जिन्हें भ्रम था कि उनके साथ एक और सदस्य भी था जिसे वास्तव में गिना नहीं जा सकता थाI”

यकीनन, कोई और भी है जो हमारे साथ चलता हैI यीशु ने कहा,“मैं जगत के अंत तक सदैव तुम्हारे संग हूँI (मत्ती 28:20) कितना शानदार वादा हैI उसकी उपस्तिथि हमारे साथ वैसे ही चलती है जैसे वह अपने चेलों के साथ उन दिनों धरती पर चला थाI वह हमारे जीवन की हर परिस्तिथि में हमारे साथ है,एक तथ्य जो हमें उस समय साहस देता है जब उसके प्रेम के आलावा हमारे पास कोई अन्य प्रोत्साहन नहीं होता हैI

“मैं जगत के अंत तक सदैव तुम्हारे संग हूँI” यीशु ने अपने चेलो से कहाI उसका वादा आशावाद से परे अनंतकालीन तक का दिखता हैI इस यात्रा के अंत में एक नया जीवन हमारी प्रतीक्षा कर रहा हैI कोई और भी हमेशा हमारे साथ चल रहा होता हैI

कुछ क्षण निकाल कर कल्पना करे कि यीशु बिल्कुल अभी आपके साथ में है, ऐसा करने से आपको कैसे मदद मिल सकती है? यह आपको चुनौतियों का सामना करने में किस प्रकार से प्रभावित करती है?

यीशु, मैं आपका आभारी हूँ कि आप हमेशा मेरे साथ हैI

मत्ती 28:16-20

16 तब ग्‍यारह शिष्‍य गलील प्रदेश में उस पहाड़ी पर गये, जहाँ जाने का येशु ने उन्‍हें आदेश दिया था। 17 उन्‍होंने येशु को देख कर उनकी वंदना की; किन्‍तु किसी-किसी को सन्‍देह भी हुआ।18 तब येशु ने उनके पास आकर कहा, “मुझे स्‍वर्ग में और पृथ्‍वी पर पूरा अधिकार दिया गया है। 19 इसलिए तुम जा कर सब जातियों को शिष्‍य बनाओ और उन्‍हें पिता, पुत्र और पवित्र आत्‍मा के नाम पर बपतिस्‍मा दो। 20 मैंने तुम्‍हें जो-जो आदेश दिये हैं, उन सबका पालन करना उन्‍हें सिखाओ। देखो, मैं संसार के अन्‍त तक सदा तुम्‍हारे साथ हूँ।”