तेरी करुणा जीवन से भी उत्तम है मैं तेरी प्रशंसा करूँगा भजन संहिता 63:3
मेरे बेटे जेवियर द्वारा वर्षों से हाथों से बनाये गये क्रिसमस के गहनों और दादी द्वारा भेजे गये वार्षिक बेमेल खिलौने को देखकर मुझे समझ नहीं आया कि मैं अपनी सजावट से संतुष्ट क्यों नहीं था। मैं हमेशा रचनात्मकता और प्रत्येक आभूषण से जुड़ी यादों को महत्व देता था। तो, फुटकर सामान बेचने वाले स्टोरों में लगी आकर्षक प्रर्दशनी ने मुझे एक पेड़ की इच्छा करने के लिए क्यों लुभाया जो, पूरी तरह से मेल खाने वाले बल्बों, झिलमिलाते गहनों और साटन रिबन से सजा था।
जैसे ही मैं अपनी सादी सजावट से हटा मुझे एक लाल दिल के आकार का आभूषण दिखाई दिया जिस पर एक साधारण वाक्य लिखा हुआ था – यीशु, मेरा उद्धारकर्ता। मैं यह कैसे भूल सकता था कि मेरा परिवार और मसीह में मेरी आशा ही मेरे क्रिसमस मनाने का कारण हैं। हमारा साधारण पेड़ दुकान के सामने के सजे पेड़ों की तरह तो नहीं दिखता था, लेकिन हर सजावट के पीछे के प्यार ने इसे खूबसूरत बना दिया।
हमारे मामूली पेड़ की तरह, मसीहा ने किसी भी तरह से दुनिया की अपेक्षाओं को पूरा नहीं किया (यशायाह 53:2)। “यीशु तुच्छ जाना जाता और त्यागा हुआ था”(पद 3)। फिर भी, प्रेम के एक अद्भुत प्रदर्शन में, उसने हमारे “अधर्म के कारण कुचला जाना चुना” (पद 5) हमारी ही शान्ति के लिये उसे ताड़ना मिली। (पद 5)। इससे ज्यादा खूबसूरत और कुछ नहीं है।
हमारी अपूर्ण सजावट और हमारे पूर्ण उद्धारकर्ता के लिए नये आभार के साथ, मैंने चमक दमक की लालसा को बंद कर दिया और परमेश्वर के महिमामय प्रेम के लिए उसकी स्तुति की। जगमगाता हुआ अलंकरण कभी भी उसके बलिदानी उपहार–यीशु की सुंदरता से मेल नहीं खा सकता था। —ओचिट ड़िक्सन
आप यीशु की स्तुति को अपने क्रिसमस उत्सव का हिस्सा कैसे बना सकते हैं? क्रूस पर उसका बलिदान आपके लिए क्या मायने रखता है?
प्यार करने वाले परमेश्वर कृपया मुझे आपके बलिदान के परिमाण के माध्यम से प्रकट सुंदर प्रेम को देखने में मदद करें।
यशायाह 53:1–9
1 जो समाचार हमें दिया गया, उसका किसने विश्वास किया? और यहोवा का भुजबल किस पर प्रगट हुआ? 2क्योंकि वह उसके सामने अँकुर के समान, और ऐसी जड़ के समान उगा जो निर्जल भूमि में फूट निकले, उसकी न तो कुछ सुन्दरता थी कि हम उसको देखते, और न उसका रूप ही हमें ऐसा दिखाई पड़ा कि हम उसको चाहते। 3वह तुच्छ जाना जाता और मनुष्यों का त्यागा हुआ था, वह दुरूखी पुरुष था, रोग से उसकी जान पहिचान थी, और लोग उससे मुख फेर लेते थे। वह तुच्छ जाना गया 4 और हम ने उसका मूल्य न जाना। निश्चाय उसने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दुखों को उठा लिया, तौभी हम ने उसे परमेश्वर का मारा–कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा। 5परन्तु वह हमारे ही अपराधों के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के कारण कुचला गया, हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम लोग चंगे हो जाएँ। 6हम तो सब के सब भेड़ों के समान भटक गए थे, हम में से हर एक ने अपना अपना मार्ग लिया, और यहोवा ने हम सभों के अधर्म का बोझ उसी पर लाद दिया। 7वह सताया गया, तौभी वह सहता रहा और अपना मुँह न खोला, जिस प्रकार भेड़ वध होने के समय और भेड़ी ऊन कतरने के समय चुपचाप शान्त रहती है, वैसे ही उसने भी अपना मुँह न खोला। 8अत्याचार करके और दोष लगाकर वे उसे ले गए, उस समय के लोगों में से किसने इस पर ध्यान दिया कि वह जीवतों के बीच में से उठा लिया गया? मेरे ही लोगों के अपराधों के कारण उस पर मार पड़ी। 9उसकी कब्र भी दुष्टों के संग ठहराई गई, और मृत्यु के समय वह धनवान का संगी हुआ, यद्यपि उसने किसी प्रकार का उपद्रव न किया था और उसके मुँह से कभी छल की बात नहीं निकली थी।