शेरों के साथ रहना


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शेरों के साथ रहना

मैं यह आज्ञा देता हूँ कि जहाँ जहाँ मेरे राज्य का अधिकार है, वहाँ के लोग दानिय्येल के परमेश्‍वर के सम्मुख काँपते और थरथराते रहें, क्योंकि जीवता और युगानयुग तक रहनेवाला परमेश्‍वर वही है; उसका राज्य अविनाशी और उसकी प्रभुता सदा स्थिर रहेगी। – दानिय्येल 6:26

शिकागो के एक संग्रहालय में मैंने एक बाबेल के एक शेर को शिकार के लिए दौड़ती हुई अवस्था में देखा- जो कि एक विशाल चित्र था जिसमें शेर को पंखों के साथ,एक भयानक मुद्रा में चित्रित किया गया था। जो कि इश्शता का प्रतीक है जो कि बाबेल की एक प्रेम और युद्ध की देवी मानी जाती है। यह शेर बाबेल के 120 शेरों जैसे ही शेरों का एक उदाहरण था जोकि बाबेल के रास्ते में पर खड़े हैं।

इतिहासकार इस प्रकार बताते हैं जब यरूशलेम को बाबेल ने हराया था इब्रानी गुलामों नबूकदनेस्सर के शासनकाल में इन शेरों को देखा होगा। कुछ इजराइलियों ने ऐसा भी विश्वास किया होगा कि इश्शतार देवी ने इजरायल ईश्वर को हरा दिया। दानिय्येल जो कि एक इब्रानी बंधक था उसने ऐसा विश्वास नहीं किया होगा परमेश्वर के साथ उसकी वाचा स्थिर रही। उसने एक दिन में तीन बार अपनी खिड़की खोल कर प्रार्थना की, जबकि उसे मालूम था कि उसे ऐसा करने पर शेरों की महान में डाल दिया जाएगा।

परमेश्वर ने दानिय्येल को शेरों की मांद से बचाने के बाद राजा दारा ने कहा कि”दानिय्येल का परमेश्वर जीवता है….. वह छुड़ाने और बचाने वाला परमेश्वर है” (दानिय्येल 6:26-27) दानिय्येल कि विश्वासयोग्यता ने बाबेल के अधिकारियों को प्रभावित किया।

विपरीत परिस्थितियों में भी परमेश्वर के समक्ष विश्वास योग्य बने रहना अन्य लोगों को परमेश्वर की महिमा करने के लिए बेदार कर सकता है।

– जनीफ्फर

 

 

 

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