हे यहोवा, तू मेरा परमेश्वर है; मैं तुझे सराहूँगा, मैं तेरे नाम का धन्यवाद करूंगा; क्योंकि तू ने आश्चर्यकर्म किए हैं, तू ने प्राचीनकाल से पूरी सच्चाई के साथ युक्तियाँ की हैं

तू ने नगर को ढेर बना डाला, और उस गढ़वाले नगर को खंडहर कर डाला है; तू ने परदेशियों की राजपुरी को ऐसा उजाड़ा कि वह नगर नहीं रहा; वह फिर कभी बसाया न जाएगा l

तू ने नगर को ढेर बना डाला, और उस गढ़वाले नगर को खंडहर कर डाला है; तू ने परदेशियों की राजपुरी को ऐसा उजाड़ा कि वह नगर नहीं रहा; वह फिर कभी बसाया न जाएगा l

क्योंकि तू संकट में दिनों के लिए गढ़, और जब भयानक लोगों का झोंका दीवार पर बौछार के समान होता था, तब तू दरिद्रों के लिए उनकी शरण, और तपन में छाया का स्थान हुआ l

जैसे निर्जल देश में बादल की छाया से तपन ठंडी होती है वैसे ही तू परदेशियों का कोलाहल और क्रूर लोगों का जयजयकार बंद करता है l

सेनाओं का यहोवा इसी पर्वत पर सब देशों के लोंगों के लिए ऐसा भोज तैयार करेगा जिसमें भांति भांति का चिकना भोजन और निथरा हुआ दाखमधु होगा; उत्तम से उत्तम चिकना भोजन और बहुत ही निथरा हुआ दाखमधु होगा l

और जो पर्दा सब देशों के लोगों पर पड़ा है, जो घूँघट सब जातियों पर लटका हुआ है, उसे वह इसी पर्वत पर नष्ट करेगा l


वह मृत्यु को सदा के लिए नाश करेगा, और प्रभु यहोवा सभों के मुख पर से आँसू पोंछ डालेगा, और अपनी प्रजा की नामधराई सारी पृथ्वी पर से दूर करेगा; क्योंकि यहोवा ने ऐसा ही कहा है l


उस समय यह कहा जाएगा, “देखो, हमारा परमेश्वर यही है, हम इसी की बाट जोहते आए हैं, कि वह हमारा उद्धार करे l यहोवा यही है; हम उसकी बाट जोहते आए हैं l हम उससे उद्धार पाकर मगन और आनंदित होंगे l  ~ 
यशायाह 25:1-9

आनेवाली छुट्टी स्कॉट के लिए मनहूस लग रही थी l उसने सोचा कि वह बचे हुए भोजन को बस गर्म कर लेगा और अपना समय अकेले टीवी देखने में बिताएगा l एकांतवास से डरते हुए, स्कॉट ने अन्य अकेले लोगों को रात के खाने के लिए आमंत्रित करते हुए, पेपर में एक विज्ञापन डालने का फैसला किया l बारह से कम लोग नहीं आए! वह 1985 था, और तब से हर साल, स्कॉट ने उसी प्रकार का विज्ञापन दिया है, जिसमें 100 से अधिक लोगों का स्वागत किया गया है और अब एक स्थानीय चर्च भवन में इकठ्ठा हो रहे हैं l बेघर पडोसी, जिन्होंने अपने परिवार को खो दिया है, वे अजनबी जो घर नहीं जा सकते─स्कॉट सभी प्रकार के लोगों के लिए एक बड़ी मेज लगाता है l

यशायाह हर पथभ्रष्ट अनैतिक का स्वागत करने के लिए परमेश्वर की मंशा का वर्णन करता है, जो कुचले हुए या भुला दिए गए हैं l वह “दरिद्रों के लिए एक शरण . . . तपन में छाया का स्थान” (25:4) है l परमेश्वर के साथ, जो मित्रता या क्षमा या आशा के लिए बेसब्र हैं, वे अपने हृदय की इच्छाओं को पा सकते हैं l एक दिन “सेनाओं का यहोवा . . . सब देशों के लोगों के लिए ऐसा भोज तैयार करेगा जिसमें भांति-भांति का चिकना भोजन और निथरा हुआ दाखमधु होगा; उत्तम से उत्तम चिकना भोजन और बहुत ही निथरा हुआ दाखमधु होगा” (पद.6) l परमेश्वर व्यापक रूप से निमंत्रण देटा है, भोज में शामिल होने के लिए सभी का स्वागत करता है─मित्र अनुग्रह की मेज के चारों ओर एकत्र हैं l

यह हमारे परमेश्वर का हृदय है, और वह जो करने का वादा करता है l हम अकेलेपन या निराशा का भार सहन कर सकते हैं; परन्तु यीशु में, परमेश्वर हमारा स्वागत करता है l और अगर हम महज आते हैं, तो हम में से प्रत्येक को अपनी सीट एक मेज पर मिलेगी जिसमें सभों के लिए स्थान होगा l

– विन कोलियर

आपने आनंद से भरी और सभी प्रकार के लोगों के लिए तैयार एक स्वागत योग्य मेज का अनुभव कहाँ किया है? यशायाह की यह छवि आपको परमेश्वर के बारे में क्या बताती है?

हे परमेश्वर, मैं अकेला हूँ, और मैं अन्य लोगों को जानता हूँ जो ऐसा ही अनुभव करते हैं l हमें आपकी मेज चाहिए l हम आपके साथ और एक दूसरे के साथ हँसना और भोज देना चाहते हैं l आपके प्रावधान के लिए धन्यवाद l