और इस का तुम्हारे लिये यह पता है, कि तुम एक बालक को कपड़े मे लिपटा हुआ और चरनी में पड़ा पाओगे। लूका 2:12
हमारे छोटे से शहर के यीशु के जन्म के मंच से दो प्रमुख पात्र – मरियम और शिशु यीशु अचानक गायब हो गए थे। अपनी कार में आगे बढ़ते हुये मैंने फिर से इस पर विचार किया। मेरा पहला विचार, स्थानीय अधिकारियों के साथ एक लापता व्यक्ति की रिपोर्ट लिखवाना था, लेकिन मुझे नहीं पता था कि मैं क्या कहूंगा। उन दो के अलावा सब पात्र वहाँ थे। एक भयानक आंधी आई थी और शायद वे उसमें उड़ गए थे। फिर, शायद कोई आपराधिक गतिविधि थी, और किसी ने उन्हें चुरा लिया (कितना अजीब लग सकता है)। कुछ भी हो, यीशु के जन्म का दृश्य उनके बिना और विशेष रूप से उसके बिना वैसा नहीं था।
यीशु के जन्म की कहानी के पात्र इस मायने में महत्वपूर्ण हैं कि उन सभी ने कहानी को प्रकट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई: “युसुफ राजा दाउद के वंश का था” (लूका 2:4); मरियम जिससे “उसकी सगाई हुई थी और गर्भवती थी” (पद 5); “चरवाहे, अपने भेड़–बकरियों की रखवाली कर रहे थे” (वचन 8) और “प्रभु का एक दूत” (पद 9) । लेकिन पूरे दृश्य का केंद्रबिन्दु क्रिसमस के मूल संदेश का वह चिह्न जिस पर बाकी सब कुछ उस समय और आज भी निर्भर करता है, वह है मसीह प्रभु। “बच्चे को कपड़े लिपटा हुआ और चरनी में पड़ा हुआ पाओगे” (पद 11–12।
परमेश्वर के छुटकारे की कहानी के चले आ रहे वर्णन में हम अपना जो जीवन और भूमिका निभाते हैं वह अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।लेकिन मुख्य पात्र जो था, और है, और हमेशा रहेगा वह है हमारा सुंदर उद्धारकर्ता, मसीह प्रभु । वह अब बच्चा नहीं है बल्कि वह राजा है जो हमेशा और हमेशा के लिए राज करता है। — जॉन ब्लेस
आप जन्म के किस मानवीय चरित्र से सबसे अधिक प्रतिध्वनित होते हैं? आप इस मौसम में और पूरे साल क्या कर सकते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मसीह आपके जीवन का केंद्रबिंदु बना रहे?
यीशु, मुझे अपनी भव्य कहानी में आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद। मेरे जीने में मेरी सहायता करो ताकि सारी महिमा और सम्मान हमेशा आपको मिले।
लूका 2:1—12
1 “उन दिनों में औगूस्तुस कैसर की ओर से आज्ञा निकली, कि सारे जगत के लोगों के नाम लिखे जाएं। 2 यह पहिली नाम लिखाई उस समय हुई जब क्विरिनियुस सूरिया का हाकिम था। 3 और सब लोग नाम लिखवाने के लिये अपने अपने नगर को गए।4 सो यूसुफ भी इसलिये कि वह दाऊद के घराने और वंश का था, गलील के नासरत नगर से यहूदिया में दाऊद के नगर बैतलहम को गया। 5 कि अपनी मंगेतर, मरियम के साथ जो गर्भवती थी नाम लिखवाए। 6उस के वहां रहते हुए उसके जनने के दिन पूरे हुए। 7 और वह अपना पहिलौठा पुत्र जनी और उसे कपड़े में लपेटकर चरनी में रखा, क्योंकि उन के लिये सराय में जगह न थी। 8और उस देश में कितने गड़ेरिये थे, जो रात को मैदान में रहकर अपने झुण्ड का पहरा देते थे। 9 और प्रभु का एक दूत उन के पास आ खड़ा हुआ, और प्रभु का तेज उन के चारों ओर चमका, और वे बहुत डर गए।10 तब स्वर्गदूत ने उन से कहा, ‘मत डरो, क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा।11 कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है। 12 और इस का तुम्हारे लिये यह पता है, कि तुम एक बालक को कपड़े मे लिपटा हुआ और चरनी में पड़ा पाओगे।”