सो परमेश्वर जो आशा का दाता है तुम्हें विश्वास करने में सब प्रकार के आनन्द और शान्ति से परिपूर्ण करे, कि पवित्राआत्मा की सामर्थ से तुम्हारी आशा बढ़ती जाए। सभी के लिए उसकी ज्योति (निष्कर्ष) रोमियों 15:13
मेरी पांच साल की भतीजी, अन्निका हैरान थी। अगर अभी तक क्रिसमस नहीं आया था, तो पहले से ही क्रिसमस की रोशनी क्यों थी? और फूलों की माला, और हार? जब मैंने समझाया कि क्रिसमस सिर्फ एक दिन नहीं बल्कि एक मौसम है, उसकी आँखें आश्चर्य से फैल गईं। “वाह! हर दिन क्रिसमस है!” वह चिल्लाई, वह ऊपर–नीचे कूद रही थी और खुशी के लिए ताली बजा रही थी।
वह क्षण मेरे लिए सच्चे आनंद की एक अमूल्य तस्वीर बना हुआ है4 जो स्वाभाविक रूप से और सहज रूप से उत्सव में बदल जाती है। अन्निका बहुत हद तक सही थी– हर दिन क्रिसमस है। हर दिन उस हकीकत से बदल गया है जिससे हम हर क्रिसमस मनाते हैं– एक परमेश्वर जिसने हमारे संसार में प्रवेश करना, हमारे दुखों को सहना, और सदा के लिए बुराई और मृत्यु को परास्त करना चुना (रोमियों 15:2)
और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम अभी तक कितनी जीत नहीं देख सकते हैं (8:24–25) आज हम में से प्रत्येक उस आनंद का अनुभव कर सकता है जो वास्तविक आशा (15: 4)पर आधारित है जब हम यह समझना शुरू करते हैं कि परमेश्वर ने क्या किया है और यह कि उसने हमारे लिए किया।
फिर, हर दिन, हम में से जिन्होंने यीशु में अपना विश्वास रखा है, वे परमेश्वर के परिवार में स्वागत किए जाने के अनमोल उपहार का अनुभव करते हैं, एक ऐसा परिवार जो आत्मा के, बिना शर्त प्रेम से जुड़ा हुआ है (पद 5:7) । हर दिन हम यीशु की आत्मा की शक्ति के द्वारा आनंद और जीने की स्वतंत्रता का अनुभव कर सकते हैं (पद 13) और हर दिन एक बार फिर से उसके प्रति कृतज्ञता और स्तुति प्रकट करने का एक नया अवसर है (पद 5 :6)। — मोनिका ला रोज
मसीह की विजय के परिणामों को देखने के लिए आप अभी भी कहाँ प्रतीक्षा और इच्छा कर रहे हैं ? प्रोत्साहन और आशा के लिए आप परमेश्वर के प्रेम और अनुग्रह के कौन से अनुभव देख सकते हैं ?
प्यार करने वाले परमेश्वर, मैं आपके साथ अपनी यात्रा में जहाँ भी हूँ, मुझे एक बार फिर नए और गहरे तरीके से विश्वास करने में मदद करें, आपके प्रेम में, शक्ति में, और मेरे जीवन में काम पर प्रकाश में। मुझे एक बार फिर से एक बच्चे की आशा और खुशी के साथ जीना सीखने में मदद करें ।
रोमियों 15:5–13
5 और धीरज, और शान्ति का दाता परमेश्वर तुम्हें यह बरदान दे4 कि मसीह यीशु के अनुसार आपस में एक मन रहो। 6 ताकि तुम एक मन और एक मुंह होकर हमारे प्रभु यीशु मसीह कि पिता परमेश्वर की बड़ाई करो।7 इसलिये, जैसा मसीह ने भी परमेश्वर की महिमा के लिये तुम्हें ग्रहण किया है, वैसे ही तुम भी एक दूसरे को ग्रहण करो। 8 मैं कहता हूं, कि जो प्रतिज्ञाएं बापदादों को दी गई थीं, उन्हें दृढ़ करने के लिये मसीह परमेश्वर की सच्चाई का प्रमाण देने के लिये खतना किए हुए लोगों का सेवक बना। 9 और अन्यजाति भी दया के कारण परमेश्वर की बड़ाई करें, जैसा लिखा है, कि इसलिये मैं जाति जाति में तेरा धन्यवाद करूंगा, और तेरे नाम के भजन गाऊंगा। 10 फिर कहा है, हे जाति जाति के सब लोगों, उस की प्रजा के साथ आनन्द करो। 11 और फिर, हे जाति जाति के सब लोगों, प्रभु की स्तुति करो, और हे राज्य राज्य के सब लोगो उसे सराहो। 12 और फिर यशायाह कहता है कि यिशै की एक जड़ प्रगट होगी, और अन्यजातियों का हाकिम होने के लिये एक उठेगा, उस पर अन्यजातियां आशा रखेंगी। 13 सो परमेश्वर जो आशा का दाता है तुम्हें विश्वास करने में सब प्रकार के आनन्द और शान्ति से परिपूर्ण करे, कि पवित्राआत्मा की सामर्थ से तुम्हारी आशा बढ़ती जाए।